क्या दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हत्या और लूट के फरार अपराधी को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- ललित सैनी को हत्या और लूट के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
- यह गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच की महत्वपूर्ण सफलता है।
- आरोपी लंबे समय से फरार था और कई स्थानों पर छुपा हुआ था।
- पुलिस ने तकनीकी निगरानी का उपयोग किया।
- आरोपी ने नशे की लत के कारण अपराध किए।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (डब्ल्यूआर-II) ने हत्या और लूट के मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे एक घोषित अपराधी को पकड़ने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान ललित सैनी (30), पुत्र कैलाश चंद, निवासी गांव वजीरपुर, हापुड़ (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। यह आरोपी 2015 में दर्ज एक हत्या और लूट के मामले में अदालत द्वारा घोषित अपराधी था।
पुलिस के अनुसार, 2015 में दिल्ली के महावीर एनक्लेव स्थित द्वारका पुरी स्टैंड पर ललित सैनी ने अपने दो साथियों विशाल उर्फ कौआ और सज्जन के साथ मिलकर एक ऑटो चालक हजारी लाल पर बेरहमी से हमला किया था। आरोपियों ने चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी और फिर लूटपाट कर मौके से भाग गए थे। इस घटना के बाद थाना डाबरी में एफआईआर संख्या 887/15, धारा 302/394/397 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुकदमे के दौरान मुख्य आरोपी ललित सैनी अदालत में पेश नहीं हुआ था, जिसके बाद उसे घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच की डब्ल्यूआर-II टीम को आरोपी की तलाश का कार्य सौंपा गया। एएसआई, हवलदार और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने तकनीकी और मैनुअल निगरानी शुरू की। इस बीच हेड कांस्टेबल मयंक को गुप्त सूचना मिली कि फरार आरोपी ललित सैनी द्वारका कोर्ट कॉम्प्लेक्स के पास आने वाला है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर अक्षय, एसआई रवि, एचसी मयंक, एचसी संदीप कादयान, एचसी सुशील और एचसी हरदीप की टीम ने एसीपी राजपाल दबास के नेतृत्व में जाल बिछाकर आरोपी को दबोच लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वर्ष 2007-08 में स्कूल के दौरान नशे की लत के चलते गलत संगत में पड़ गया। इसके बाद उसने शराब और सिगरेट के लिए पैसे जुटाने के लिए चोरी और लूट जैसी वारदातें शुरू कीं। वह अविवाहित है और उसके पिता पतंग बनाने का काम करते थे। वह 2001 में दिल्ली आया और 2008 में पढ़ाई छोड़ दी।
जल्दी पैसा कमाने की इच्छा में उसने कई गंभीर अपराध किए जिनमें हत्या और लूट भी शामिल हैं। 2015 में ऑटो चालक की हत्या के मामले में वह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन बाद में जमानत पर छूटने के बाद अदालत में पेश नहीं हुआ और फरार हो गया।
क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपी लंबे समय से फरार था और गिरफ्तारी से बचने के लिए विभिन्न स्थानों पर छुपकर रह रहा था। अंततः तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर उसे पकड़ लिया गया।