क्या दिल्ली पुलिस ने नकली सामान के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने एक बड़े नकली सामान के गिरोह का भंडाफोड़ किया।
- गिरोह ने एक करोड़ रुपए से अधिक के नकली सामान का कारोबार किया।
- पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- मुख्य आरोपी अभी भी फरार है।
- पुलिस ने कई मशीनें और नकली उत्पाद जब्त किए।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के इंटर-स्टेट सेल ने ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में नकली पैकेजिंग और सामान के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने एक करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के नकली पैकेजिंग सामग्री और उत्पाद जब्त किए हैं।
यह अवैध कारोबार 'मून डस्ट पेपर प्राइवेट लिमिटेड' के 'कैप्टन गोगो' ब्रांड का उपयोग कर उपभोक्ताओं को धोखा दे रहा था। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों सागर अहमद उर्फ मोनू, शाहनवाज अहमद और तौसाम अंसारी को गिरफ्तार किया है। हालांकि, गिरोह के मुख्य आरोपी और मालिक मोहम्मद जियारत अब भी फरार है।
सागर अहमद और शाहनवाज अहमद संगम विहार, दिल्ली के निवासी हैं, जबकि तौसाम अंसारी की पहचान तेखंड गांव, दिल्ली के रूप में हुई है।
यह कार्रवाई मून डस्ट पेपर प्राइवेट लिमिटेड के आकाश गुप्ता की शिकायत के बाद शुरू की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि कुछ लोग कैप्टन गोगो ब्रांड के समान कार्टन, लेबल और पैकेजिंग अवैध रूप से बना रहे थे, जिससे असली कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था।
एसीपी रमेश चंदर लांबा और इंस्पेक्टर शिवराज सिंह बिष्ट की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर, टीम ने ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में छापा मारकर नकली पैकेजिंग यूनिट का पता लगाया और तौसाम अंसारी को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य को बाद में हिरासत में लिया गया।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान यूनिट और आस-पास की संबंधित इकाइयों से बड़ी मात्रा में नकली सामान और मशीनें जब्त कीं। जब्त किए गए नकली सामानों का कुल अनुमानित बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपए से अधिक आंका गया है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी कम कीमत वाले उत्पाद खरीदते थे और फिर नकली होलोग्राम और पैकेजिंग का इस्तेमाल करके उन्हें असली उत्पादों जैसा बनाकर दिल्ली और एनसीआर के डीलरों को वितरित करते थे।
क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में कॉपीराइट एक्ट की धारा 63/68 और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। फरार मुख्य आरोपी और वितरण नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश में आगे की जांच जारी है।