क्या दिल्ली सरकार कांवड़ यात्रा को सुगम बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है?: आशीष सूद

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
- कांवड़ियों की संख्या की मॉनिटरिंग के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है।
- कांवड़ यात्रा सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
- सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में कांवड़ यात्रा को सुगम बनाने हेतु मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को कांवड़ यात्रा के दौरान बेहतर प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
आशीष सूद ने कहा, "कांवड़ यात्रा को सुगम बनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कई ज्वाइंट व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें कांवड़ियों की संख्या के बारे में अपडेट दिया जा रहा है। दिल्ली में कितने कांवड़िये आ रहे हैं, कितने निकल रहे हैं, इसकी जानकारी प्रदान की जा रही है। कांवड़ियों के आने वाले मार्गों की व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था और अन्य लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता तैयारी की गई है।"
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कांवड़ यात्रा आस्था का एक पावन संगम है, जो दिल्ली की सड़कों को तीर्थ बना देता है। यह परंपरा हमारे जीवंत सांस्कृतिक संस्कारों का प्रतीक है। हम सभी का सौभाग्य है कि इस यात्रा को सहज, सुलभ, सम्मानजनक और भव्य बनाने का अवसर हमें प्राप्त हो रहा है। यह हमारी संस्कृति की सेवा है और सेवा ही हमारा पुण्य है।"
कश्मीरी पंडित मुद्दे पर आशीष सूद ने कहा, "कश्मीरी पंडितों के संबंध में पिछली सरकारों का रवैया किसी से छिपा नहीं है। जिस प्रकार से 'कश्मीरी फाइल्स' फिल्म का मजाक उड़ाया गया, वह कश्मीरी पंडितों के प्रति पिछली सरकार की दुर्भावना को दर्शाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से कश्मीरी विस्थापित हिंदू समाज को जो लाभ मिल रहा था, उसमें 30 जून, 2024 को कुछ बाधा आई। दिल्ली में हमारी सरकार आते ही इस बाधा का तुरंत निस्तारण किया गया था।"
उन्होंने कहा, "हालांकि कश्मीरी हिंदू समाज की कुछ मांगें थीं, जिन पर दिल्ली की मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं को सुना है और उनके निवारण का आश्वासन भी दिया है। जैसे ही मुख्यमंत्री निर्णय लेंगी, हम सभी को सूचित करेंगे। हम कश्मीरी विस्थापित हिंदू समाज के साथ पहले भी थे और आज भी हैं।"