दिल्ली सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए रिलीफ कैंप क्यों बनाए?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप स्थापित किए हैं।
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्थिति पर निगरानी रख रही हैं।
- अवैध नागरिकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया है।
- प्रवर्तन एजेंसियों का कार्य चुनावी माहौल में चल रहा है।
- राहुल गांधी के बयानों पर भी टिप्पणी की गई है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने यमुना के जलस्तर में हो रही वृद्धि के संदर्भ में कहा कि दिल्ली सरकार ने इस स्थिति पर सतर्कता से नजर रखी हुई है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद, बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए कई रिलीफ कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां बड़ी संख्या में लोगों को लाया जा रहा है और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि स्थिति में सुधार किया जा सके। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता खुद दिल्ली की वर्तमान स्थिति पर निगरानी रख रही हैं। हमारी सरकार चौबीस घंटे कार्यरत है।
इसके अलावा, उन्होंने अवैध नागरिकों के मुद्दे पर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अवैध नागरिकों को रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर कोई भी अवैध तरीके से रहने की कोशिश करेगा, तो हमारी सरकार इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी। यदि हम अवैध नागरिकों को अपने देश में स्थान देंगे, तो इससे हमारे संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा। इससे हमारे मूल नागरिकों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने एसआईआर के संदर्भ में कहा कि चुनाव आयोग निर्धारित नियमों के अनुसार कार्य कर रहा है, लेकिन विपक्ष के लोग निरंतर प्रलाप कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह ज्ञात है कि आगामी चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे इस प्रकार की बातों का निरंतर प्रचार कर रहे हैं।
वहीं, राहुल गांधी के एटम बम वाले बयान पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता होता है कि वे कब कौन सा बम फोड़ देंगे। वर्तमान में उनकी स्थिति ऐसी हो गई है कि देश की जनता उन्हें गंभीरता से लेने से हिचकिचा रही है। राहुल गांधी ने कहा था कि वे एटम बम फोड़ेंगे। अब वे हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात कर रहे हैं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें स्वयं नहीं पता होता है कि वे कब क्या कह रहे हैं। कभी वे आलू से सोना बनाने की बात करते हैं, तो कभी जलेबी की फैक्ट्री लगाने की बात करते हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी एक फ्लॉप नेता हैं।