क्या देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य उज्ज्वल है? नितिन गडकरी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का वर्तमान आकार 22 लाख करोड़ रुपए है।
- सरकार ने जीएसटी सुधार में कर दर में कटौती की है।
- फास्ट चार्जिंग सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है।
- इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में 400 स्टार्टअप सक्रिय हैं।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को बताया कि देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से विकास कर रही है और भविष्य में यह दुनिया में पहले स्थान पर पहुँचने की संभावना रखती है।
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैंने मंत्री पद ग्रहण किया था, तब हमारी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री दुनिया में सातवें स्थान पर थी, लेकिन अब यह जापान को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुँच गई है।
गडकरी ने आगे कहा कि मेरे सह मंत्री हरदीप पुरी वैकल्पिक ईंधन पर कार्य कर रहे हैं, जबकि प्रल्हाद जोशी ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर ध्यान दे रहे हैं। इससे देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के आकार को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
गडकरी के अनुसार, अमेरिका 79 लाख करोड़ रुपए के साथ दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है, जबकि चीन 49 लाख करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर है। अब भारत 22 लाख करोड़ रुपए के साथ तीसरे स्थान पर है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हमारा देश लगभग 22 लाख करोड़ रुपए के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है, इसलिए हमारी सरकार की प्राथमिकता वैकल्पिक ईंधन और बायोफ्यूल है। यह आयात का एक अच्छा विकल्प है और प्रदूषण-मुक्त भी है, जिससे आज दिल्ली में सामना किया जा रहा है।
गडकरी के अनुसार, देश में फास्ट चार्जिंग पर तेजी से काम किया जा रहा है। हमें ऐसा चार्जिंग सिस्टम चाहिए जो ट्रक, बस, स्कूटर, तिपहिया और दोपहिया वाहनों के लिए उपयोगी हो।
वर्तमान में चार्जिंग सिस्टम पर अनुसंधान चल रहा है और नए नवाचार किए जा रहे हैं, जिसमें सिर्फ दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में 400 स्टार्टअप काम कर रहे हैं।
देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने हाल ही में जीएसटी सुधार में कर दर में महत्वपूर्ण कटौती की है, जिससे देश में वाहनों की बिक्री में वृद्धि हुई है।