क्या धर्मेंद्र प्रधान अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर में चमत्कार देख रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है।
- धर्मेंद्र प्रधान ने इसे असंभव चमत्कार बताया।
- यह मंदिर भारतीय संस्कृति का गौरव है।
- मंदिर अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देता है।
- यह भव्य धाम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
अबू धाबी, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अबू धाबी में स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर के दौरे के दौरान इसकी सुंदरता, रचनात्मकता और समावेशिता से पूरी तरह प्रभावित हो गए।
उन्होंने इस मंदिर को “असंभव चमत्कार” और “सभ्यता की उपलब्धि” करार देते हुए बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के संतों की निस्वार्थ सेवा के प्रति गहरी श्रद्धा प्रकट की।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह मंदिर भारत के शाश्वत मूल्यों - सौहार्द, शांति और आध्यात्मिकता का वैश्विक प्रतीक है। उन्होंने इसे न केवल अद्भुत शिल्पकला का एक नमूना समझा बल्कि असंख्य स्वयंसेवकों और भक्तों की सामूहिक भक्ति और त्याग का प्रतीक भी माना।
केंद्रीय मंत्री ने इस भव्य धाम की सराहना करते हुए कहा कि यह अंतरधार्मिक संवाद और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह मंदिर हमेशा भारत के सांस्कृतिक गौरव और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक रहेगा, जो विभिन्न राष्ट्रों के दिलों को जोड़ता है और दुनिया को आस्था और सेवा की अमर शक्ति की याद दिलाता है।
जानकारी के अनुसार, बीएपीएस हिंदू मंदिर, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी में स्थित एक पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जिसे बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने स्थापित किया है।
यह भव्य मंदिर प्रमुख स्वामी महाराज (1921–2016) की प्रेरणा से साकार हुआ और 14 फरवरी 2024 को महंत स्वामी महाराज द्वारा प्रतिष्ठित किया गया। यह अबू धाबी का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रतीक माना जाता है।