क्या देशभर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, रावण दहन देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब?

सारांश
Key Takeaways
- दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- देशभर में लाखों लोग रावण दहन में शामिल हुए।
- आयोजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
- मुख्य अतिथियों ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
- हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों में भव्य आयोजन हुए।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में विजयदशमी (दशहरा) का पर्व इस वर्ष भी पूर्ण उत्साह, श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया गया। जगह-जगह आयोजित हुए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतला दहन कार्यक्रमों में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए।
दिल्ली के पीतमपुरा रामलीला ग्राउंड में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रावण दहन किया। हालांकि, बारिश के चलते राजधानी के कई हिस्सों में पुतला दहन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ।
लुधियाना के ऐतिहासिक दरेसी मैदान में भी भव्य रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने रिमोट का बटन दबाकर रावण दहन किया। उन्होंने कहा कि यह दिन सत्य की असत्य पर और नेकी की बुराई पर जीत का प्रतीक है, इसलिए यह पर्व ऐतिहासिक महत्व रखता है।
चंडीगढ़ के सेक्टर-46 दशहरा ग्राउंड में भी भव्य आयोजन देखने को मिला। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने पुतला दहन के जरिए बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया।
रायबरेली में भी विजयदशमी पर भव्य आयोजन हुआ। एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने राम जी का तिलक और आरती कर कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके बाद 40 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया। भारी भीड़ के बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
मुरादाबाद के थाना मझौला क्षेत्र स्थित लाइन पार रामलीला मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने पूजा-पाठ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस पुतले को मेरठ के मुस्लिम कारीगरों ने बनाया था। एक लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति के अनुमान के चलते भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
हरिद्वार के सेक्टर-4 रामलीला ग्राउंड में रावण दहन के लिए भारी भीड़ उमड़ी। करीब 50 हजार लोग मेले में शामिल हुए, जिनमें सिडकुल और भेल के मजदूर भी थे। पुलिस के लिए सुरक्षा बड़ी चुनौती रही। हर चौक-चौराहे पर पुलिस तैनात रही और रोड डाइवर्जन लागू रहा।