क्या दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले में वाहन चोरी के दो कुख्यात अपराधी गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने दो कुख्यात वाहन चोरों को गिरफ्तार किया।
- कई चोरी के वाहनों की बरामदगी हुई।
- सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच से गिरफ्तारी संभव हुई।
- आपराधिक इतिहास वाले आरोपी समाज पर खतरा बने हुए थे।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड (एएटीएस) टीम ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस टीम ने दो कुख्यात वाहन चोरों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान के आधार पर छह चोरी की स्कूटी और दो चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
पुलिस की इस कार्रवाई ने जिले में 10 वाहन चोरी की घटनाओं का खुलासा किया है। यह गिरफ्तारी 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच और तकनीकी तथा मैन्युअल निगरानी के बाद संभव हुई।
गिरफ्तार आरोपियों में रोहित उर्फ बोना (36 वर्ष), निवासी कैलाशपुरी, पालम कॉलोनी, दिल्ली और पंकज उर्फ डाबरा (33 वर्ष), निवासी इसराइल कैंप, रंगपुरी पहाड़ी, दिल्ली शामिल हैं। दोनों अपराधी जिले के विभिन्न सब-डिवीजन में सक्रिय थे। रोहित ने दिल्ली कैंट क्षेत्र में और पंकज ने वसंत कुंज क्षेत्र में वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया।
हाल के दिनों में दक्षिण-पश्चिम जिले में दोपहिया वाहनों की चोरी की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए एएटीएस टीम को सक्रिय किया गया। टीम को चोरी के स्थलों पर जाकर, सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने और संदिग्धों की पहचान करने का निर्देश दिया गया। इंस्पेक्टर राम कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। एसीपी ऑपरेशंस विजय पाल सिंह तोमर के पर्यवेक्षण में यह अभियान चलाया गया।
300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर दोनों आरोपियों की पहचान हुई। 10-11 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि को छापेमारी की गई। रोहित को ब्रह्मपुरी सागरपुर से एक चोरी की स्कूटी के साथ पकड़ा गया। इसी तरह, पंकज को बंगाली टोला पार्क, रंगपुरी पहाड़ी से टीवीएस एनटॉर्क स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों की निशानदेही पर आगे की बरामदगी हुई। रोहित से शकुंतला अस्पताल के पास नाला रोड से दो स्कूटी और पंखा रोड जनकपुरी पेट्रोल पंप से एक मोटरसाइकिल बरामद की गई। पंकज से अर्जुन कैंप महिपालपुर से दो स्कूटी और एक मोटरसाइकिल मिली। कुल मिलाकर 8 वाहन बरामद हुए, जिससे 10 मामले सुलझे।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास काफी पुराना रहा है और वे कई मामलों में वांछित हैं। रोहित ने 2013 में आत्माराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, लेकिन नौकरी न मिलने के बाद वह शरारती तत्वों के संपर्क में आया। वह शराब और गांजा का आदी हो गया और चोरी करने लगा।
वहीं, पंकज ने 7वीं तक पढ़ाई की और गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी। दिल्ली आकर मजदूरी की, लेकिन गांजा और स्मैक का शिकार हो गया।