क्या दिल्ली में यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ?

Click to start listening
क्या दिल्ली में यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने एक 32 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला तब सामने आया जब मृतक का जला हुआ शव एक फ्लैट में मिला। पुलिस ने साजिश के पीछे की कहानी का खुलासा किया है।

Key Takeaways

  • यूपीएससी अभ्यर्थी की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी।
  • पुलिस ने तकनीकी सबूतों के आधार पर जांच की।
  • तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जिनका संबंध उत्तर प्रदेश से है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने एक चौंकाने वाली घटना में 32 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी की निर्मम हत्या का खुलासा किया है। मृतक का जला हुआ शव इसी महीने की शुरुआत में गांधी विहार स्थित एक फ्लैट में पाया गया था।

एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि 21 वर्षीय फोरेंसिक विज्ञान के छात्र सहित तीन व्यक्तियों को पीड़ित का गला घोंटने, उसके शव को जलाने और सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान अमृता चौहान (21), सुमित कश्यप (27), और संदीप कुमार (29) के रूप में हुई है। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के निवासी हैं। जांच में पता चला कि उन्होंने कथित रूप से पीड़ित राम केश मीणा की हत्या की और उसके बाद सबूत मिटाने के लिए शव पर तेल, घी और अल्कोहल डालकर उसे आग लगा दी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह एक सोची-समझी और खौफनाक हत्या थी। आरोपियों ने इसे आग लगने की दुर्घटना के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी टीम ने तकनीकी निगरानी, ​​सीसीटीवी फुटेज और फील्ड वर्क के जरिए साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

यह मामला 6 अक्टूबर को तब सामने आया जब पुलिस को गांधी विहार स्थित एक घर में आग लगने की सूचना मिली।

दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाई और पुलिस की एक टीम ने एफएसएल विशेषज्ञों के साथ मिलकर फ्लैट के अंदर एक बुरी तरह झुलसा शव बरामद किया। मृतक की पहचान राम केश मीणा के रूप में हुई।

शुरुआत में बीएनएस के अग्नि-संबंधी प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में दो नकाबपोश व्यक्तियों के इमारत में घुसने और उसके बाद एक महिला और एक अन्य पुरुष के बाहर निकलने के बाद संदेह बढ़ गया।

पुलिस टीमों ने 18 अक्टूबर को अमृता को गिरफ्तार करने से पहले कई छापे मारे। पूछताछ में, उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और उसके सहयोगी संदीप कुमार को सह-षड्यंत्रकारी बताया।

उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एक हार्ड डिस्क, एक ट्रॉली बैग, और पीड़ित की कमीज बरामद की। अंततः, सुमित को 21 अक्टूबर को और संदीप को 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।

Point of View

बल्कि यह भी प्रदर्शित करता है कि समाज में किस तरह की साजिशें चल रही हैं। हमें जांच एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए कि वे ऐसे मामलों को सुलझाने में सक्षम हैं।
NationPress
26/10/2025