क्या दिल्ली पुलिस के 'ऑपरेशन मिलाप' ने लापता नाबालिग को परिवार से मिलाने में सफलता पाई?

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क्या दिल्ली पुलिस के 'ऑपरेशन मिलाप' ने लापता नाबालिग को परिवार से मिलाने में सफलता पाई?

सारांश

दिल्ली पुलिस के 'ऑपरेशन मिलाप' ने लापता नाबालिग लड़की को उसके परिवार से मिलाने में जबरदस्त सफलता प्राप्त की है। जानिए इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और कैसे पुलिस ने लड़की को सुरक्षित किया।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस ने 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत लापता नाबालिग को सुरक्षित किया।
  • यह अभियान लापता बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाने के लिए है।
  • इसमें तकनीकी विश्लेषण और समन्वित प्रयासों का उपयोग किया गया।
  • महिला हेड कांस्टेबल सीमा रानी की मेहनत की सराहना की गई।
  • यह अभियान पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 'ऑपरेशन मिलाप' के अंतर्गत एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 14 वर्षीय लापता नाबालिग लड़की को सुरक्षित रूप से खोजकर उसके परिजनों से मिलवाने में सफलता पाई है। यह नाबालिग बच्ची 17 दिसंबर से हरियाणा के गुरुग्राम स्थित थाना राजेंद्र पार्क क्षेत्र से लापता थी।

क्राइम ब्रांच, दिल्ली के एनआर-2 यूनिट की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और समन्वित प्रयासों के माध्यम से इस मामले को सुलझाया। यह विशेष अभियान उन बच्चों और महिलाओं को खोजने के लिए चलाया जाता है जो किसी कारणवश अपने परिवार से बिछड़ गए हैं।

दिल्ली पुलिस द्वारा मंगलवार को जारी प्रेस नोट में बताया गया कि 17 दिसंबर को गुरुग्राम के थाना राजेंद्र पार्क में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के लापता होने की सूचना दर्ज की गई थी। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बच्ची उसी दिन से लापता थी, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी। एनआर-2, क्राइम ब्रांच की महिला हेड कांस्टेबल सीमा रानी ने इस मामले पर गहनता से काम करना शुरू किया। उन्होंने लापता, अपहृत और अज्ञात व्यक्तियों से संबंधित डाटाबेस का विश्लेषण किया।

जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई कि दिल्ली के थाना आईजीआई डोमेस्टिक एयरपोर्ट क्षेत्र में 10 से 14 वर्ष की उम्र की एक नाबालिग लड़की लावारिस हालत में मिली थी। लड़की ने अपना नाम बताया, लेकिन वह अपना पता बताने में असमर्थ थी। इसके बाद आईजीआई एयरपोर्ट थाने के स्टाफ ने उसे शाहदरा स्थित उड़ान चिल्ड्रन होम में सुरक्षित रखवाया। महिला हेड कांस्टेबल सीमा रानी ने लापता और अपहृत लड़कियों के डाटाबेस में खोजबीन की, जिसमें उन्हें वही नाम और हुलिया वाली एक नाबालिग लड़की गुरुग्राम के थाना राजेंद्र पार्क में दर्ज मामले से मेल खाती हुई मिली।

दोनों पुलिस थानों, थाना आईजीआई डोमेस्टिक एयरपोर्ट, दिल्ली और थाना राजेंद्र पार्क, गुरुग्राम, के जांच अधिकारियों के बीच फोटो का आपसी सत्यापन किया गया, जिसमें यह पुष्टि हो गई कि दोनों मामलों की लड़की एक ही है। इसके बाद दोनों जांच अधिकारियों को फोन और आधिकारिक ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया। सत्यापन के बाद हरियाणा पुलिस के जांच अधिकारी ने नाबालिग लड़की की कस्टडी ली और उसे सुरक्षित रूप से परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की। आगे की कानूनी कार्रवाई हरियाणा पुलिस द्वारा की जा रही है।

इस पूरी कार्रवाई में महिला हेड कांस्टेबल की तत्परता और मेहनत की सराहना की गई है। यह अभियान इंस्पेक्टर संदीप तुषिर की निगरानी और एसीपी गिरिश कौशिक के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अधिकारियों ने कहा कि टीम की प्रतिबद्धता, निरंतर प्रयास और प्रभावी फील्ड वर्क क्राइम ब्रांच की पेशेवर कार्यशैली को दर्शाता है, खासकर बच्चों जैसे संवेदनशील वर्ग की सुरक्षा और कल्याण के प्रति।

Point of View

बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा का संदेश भी फैलाता है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन मिलाप क्या है?
ऑपरेशन मिलाप दिल्ली पुलिस का विशेष अभियान है, जो लापता बच्चों और महिलाओं को उनके परिजनों से मिलाने के लिए चलाया जाता है।
इस अभियान में कौन-कौन सी तकनीकें इस्तेमाल की गईं?
इस अभियान में तकनीकी विश्लेषण, डाटाबेस का उपयोग और पुलिस थानों के बीच समन्वय स्थापित किया गया।
लापता बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?
लापता बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस लगातार निगरानी रखती है और विशेष अभियान चलाती है।
क्या इस अभियान में अन्य पुलिस थानों का सहयोग था?
हाँ, अन्य पुलिस थानों के जांच अधिकारियों ने भी इस मामले में सहयोग किया।
क्या ऐसे अभियान भविष्य में भी चलाए जाएंगे?
जी हाँ, ऐसे अभियान लगातार चलाए जाएंगे ताकि लापता बच्चों को सुरक्षित किया जा सके।
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