क्या दिल्ली सरकार और ऑटोमोबाइल उद्योग के बीच मिलीभगत है?: सौरभ भारद्वाज

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार और ऑटोमोबाइल उद्योग के बीच संभावित गठजोड़।
- नई गाड़ियों की खरीद से अरबों का लाभ।
- प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस उपायों की जरूरत।
- मध्यम वर्ग पर बढ़ता बोझ।
- भाजपा पर सवाल उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में, पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के बीच एक गुप्त समझौता है। नई गाड़ियों की खरीद से ऑटो इंडस्ट्री को अरबों का लाभ होगा।
सौरभ भारद्वाज ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि दिल्ली एनसीआर में पुराने वाहनों को बंद करने से पहले लगभग 62 लाख गाड़ियां कबाड़ में जा रही थीं। अब यह संख्या बढ़कर लगभग दो करोड़ हो जाएगी। इस प्रकार, दो करोड़ नई गाड़ियां खरीदी जाएंगी, जिससे ऑटो सेक्टर को अरबों का लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर कहा कि आप के प्रदूषण कम करने के उपायों से सहमति है। हमें कुछ समय दें ताकि तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। सीएक्यूएम ने इस पर सहमति दी। अब एक नवंबर से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में नियम लागू होंगे, जिसके तहत 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। इस तरह करोड़ों लोगों पर संकट आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और ऑटोमोबाइल सेक्टर के बीच एक गुप्त गठजोड़ है।
सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को हर जगह घोटाले दिखाई देते हैं। आपके पास जांच एजेंसी सीबीआई और एसीबी है, तो जांच कराएं। भाजपा घोटाले के नाम पर जनकल्याण योजनाओं को बंद कर रही है। भाजपा की सोच गरीब विरोधी है।
वहीं, दिल्ली की पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि सीएक्यूएम केंद्र सरकार की एजेंसी है। इसके आदेश ने भाजपा को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि 10 साल पुरानी गाड़ियां, जो दिल्ली की सड़कों से हटाई जा रही हैं, वे जानबूझकर भाजपा द्वारा हटाई जा रही हैं। 62 लाख परिवारों को मोटरसाइकिल खरीदनी पड़ेगी। एक मध्यम वर्गीय परिवार बड़ी मुश्किल से पैसा बचाकर गाड़ी खरीदता है। दिल्ली में भाजपा के आने के बाद से मध्यम वर्ग को परेशान किया जा रहा है।