क्या पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने दिव्या देशमुख को विश्व चैंपियन बनने पर बधाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- दिव्या देशमुख ने 19 वर्ष की आयु में फिडे महिला चेस वर्ल्ड कप जीता।
- पहली भारतीय महिला जो ग्रैंडमास्टर बनी।
- पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी।
- उनकी जीत ने भारतीय शतरंज को नई पहचान दिलाई।
- दिव्या का सफर प्रतिभा और कठिन परिश्रम का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने फिडे महिला चेस वर्ल्ड कप (एफआईडीई 2025) जीतकर नए इतिहास की रचना की है। वह पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित खिताब को अपने नाम किया है। पीएम मोदी ने दिव्या की इस सफलता पर उन्हें बधाई दी है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत के शतरंज के इतिहास में यह दिन विशेष है। दिव्या देशमुख ने केवल 2025 के फिडे महिला विश्व कप को जीता है, बल्कि वह ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि कई लोगों को प्रेरित करेगी और शतरंज को युवाओं के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दिव्या देशमुख को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो कॉल के माध्यम से दिव्या को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "आपने हमें गर्वित किया है।"
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने एक्स पर लिखा, "2025 फिडे महिला विश्व कप में अपनी शानदार जीत के बाद, हमारी चैंपियन ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख को वीडियो कॉल पर बधाई दी! महज 19 वर्ष की आयु में, उन्होंने भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर और यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया है। नागपुर की जीवंत गलियों से लेकर वैश्विक शतरंज के मंच तक उनका सफर प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम का प्रतीक है। बधाई हो दिव्या। आपने महाराष्ट्र और भारत को गर्वित किया है।"
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी वीडियो कॉल के जरिए दिव्या को बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह केवल नागपुर और महाराष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।"
नागपुर की दिव्या की यह जीत उनकी प्रतिभा का प्रमाण है। पिछले वर्ष उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीती थी और 2024 में बुडापेस्ट में हुए शतरंज ओलंपियाड में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाकू में उनकी जीत ने उन्हें शतरंज की दुनिया में एक उभरता सितारा बना दिया है।