क्या डॉ. मनसुख मांडविया ने युवा अधिकारियों को विकसित भारत का भविष्य बताया?
सारांश
Key Takeaways
- युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
- कड़ी मेहनत और नैतिकता सफलता की कुंजी हैं।
- एक लाख युवा नेताओं का निर्माण एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
- जिला युवा अधिकारी समाज की अपार संभावनाओं को साकार करने में मदद करेंगे।
- 65 प्रतिशत भारतीय युवा हैं, जिन्हें सही दिशा में ले जाना जरूरी है।
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बुधवार को नवनियुक्त जिला युवा अधिकारियों (डीवाईओ) के ओरिएंटेशन समारोह में विकसित भारत के लिए युवाओं को तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. मांडविया ने युवाओं को विकसित भारत का भविष्य मानते हुए नवनियुक्त अधिकारियों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ मिशन मोड में स्पष्ट लक्ष्यों के साथ कार्य करने का अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री ने यह संबोधन नई दिल्ली स्थित सीएसओआई में आयोजित दीक्षा (डीवाईओ डेडिकेटेड इंडक्शन ट्रेनिंग फॉर नॉलेज, स्किल, एंड होलिस्टिक एटीट्यूड फॉर सर्विस) नामक इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नए नियुक्त अधिकारियों को दिया।
इस कार्यक्रम में खेल मंत्री ने प्रतिभा सेतु पोर्टल के माध्यम से चुने गए नए भर्ती हुए डीवाईओ को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए।
भगवद्गीता का संदर्भ देते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि कड़ी मेहनत, नैतिकता और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता नव नियुक्त अधिकारियों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी।
केंद्रीय युवा मामलों के मंत्री ने कहा कि जिला युवा अधिकारी और ‘मेरा युवा भारत’ देश के युवाओं की अपार संभावनाओं को साकार करने के लिए अवसरों की महत्वाकांक्षी खिड़कियां हैं।
उन्होंने देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है, जिसे सही दिशा में ले जाना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक लाख युवा नेताओं के निर्माण के आह्वान का भी उल्लेख किया और कहा कि इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नवनियुक्त अधिकारियों की होगी।
कार्यक्रम में ‘माय भारत’ के नवनियुक्त जिला युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए युवा मामलों के मंत्रालय की सचिव पल्लवी जैन गोविल ने सार्वजनिक सेवा में ‘स्वार्थ से पहले सेवा’ की भावना को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बताया।
उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों को समाज निर्माण और सार्वजनिक सेवा के माध्यम से समाज को लौटाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।