क्या ईसीआई ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक में 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों को शामिल किया?

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क्या ईसीआई ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक में 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों को शामिल किया?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग ने 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित की हैं। ये बैठकें लोकतंत्र को सशक्त बनाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए की जा रही हैं। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में।

Key Takeaways

  • ईसीआई ने 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं।
  • 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • बैठकों का उद्देश्य संवाद को बढ़ावा देना है।
  • चुनावी प्रक्रिया में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।
  • राजनीतिक दलों के साथ सहयोग की अपील की गई है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने लोकतंत्र को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अपनी नियमित बैठकों का सिलसिला जारी रखा है।

इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य दलों के अध्यक्षों को अपने विचार और समस्याएं सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है। यह कदम आयोग के लक्ष्य का हिस्सा है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर मौजूदा कानूनों के तहत चुनावी प्रक्रिया में सुधार करना शामिल है।

ईसीआई ने शुक्रवार को एक बयान में बताया, "पिछले 150 दिनों में, ईसीआई ने कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं, जिनमें 40 बैठकें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ), 800 बैठकें जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), और 3,879 बैठकें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा आयोजित की गई हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।"

आयोग ने आगे कहा, "ईसीआई ने पहले ही कई मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, जिनमें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष कुमारी मायावती से 6 मई 2025 को, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से 8 मई 2025 को, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव एम.ए. बेबी से 10 मई 2025 को, नेशनल पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा से 13 मई 2025 को, और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से 15 मई 2025 को मुलाकात शामिल है।"

ईसीआई ने बताया कि विभिन्न राज्य मान्यता प्राप्त दलों के साथ भी बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा, "ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) की अधिकृत प्रतिनिधि चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ 1 जुलाई 2025 को, युवजना श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी के वाई.वी. सुब्बा रेड्डी से 3 जुलाई को, समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव से 3 जुलाई को, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से 7 जुलाई को, तेलुगु देशम पार्टी के राज्य अध्यक्ष पल्ला श्रीनिवास राव से 15 जुलाई को, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के एन.आर. इलांगो से 17 जुलाई को, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी लिबरेशन) के प्रतिनिधि संजय शर्मा से 22 जुलाई को, तिप्रा मोथा पार्टी के महासचिव बृषकेतु देबबर्मा से 23 जुलाई को, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के प्रतिनिधि शनमुगम से 24 जुलाई को, शिवसेना नेता उदय सामंत से 29 जुलाई को और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रतिनिधि अफाक अहमद खान से 31 जुलाई 2025 को मुलाकात की गई।"

इन बैठकों के माध्यम से ईसीआई ने राजनीतिक दलों के साथ संवाद को और मजबूत करने का प्रयास किया है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाया जा सके। आयोग ने सभी हितधारकों से सहयोग की अपील की है, ताकि भारत के लोकतंत्र को और सशक्त किया जा सके।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत निर्वाचन आयोग की यह पहल लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राजनीतिक दलों के साथ संवाद बढ़ाने से न केवल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी मजबूत होगा।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

ईसीआई की बैठकें क्यों आयोजित की गईं?
ईसीआई की बैठकें राजनीतिक दलों के साथ संवाद को बढ़ावा देने और चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए आयोजित की गई हैं।
इन बैठकों में कितने प्रतिनिधि शामिल हुए?
इन बैठकों में 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ईसीआई ने किससे मुलाकात की?
ईसीआई ने कई मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है।
क्या ये बैठकें चुनावी प्रक्रिया में सुधार करेंगी?
हाँ, ये बैठकें चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार लाने का प्रयास कर रही हैं।
ईसीआई का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ईसीआई का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र को सशक्त करना और चुनावी प्रक्रिया को सुधारना है।