क्या ईसीआई ने बिहार चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए?

सारांश
Key Takeaways
- ईसीआई ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
- पर्यवेक्षकों को शिकायतों का निवारण करने के लिए उपलब्ध रहना होगा।
- ब्रीफिंग में 425 अधिकारियों ने भाग लिया।
- आयोग का उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।
- लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी को सजग रहने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं। इस संदर्भ में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी बीच, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के लिए तैनात केंद्रीय पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा के आगामी आम चुनाव और विभिन्न राज्यों के उपचुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की ब्रीफिंग आयोजित की। इस बैठक में 287 आईएएस अधिकारी, 58 आईपीएस अधिकारी और आईआरएस, आईआरएएस, आईसीएएस सहित अन्य 80 अधिकारियों सहित कुल 425 अधिकारियों ने भाग लिया। यह ब्रीफिंग आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में हुई।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर केंद्रीय पर्यवेक्षकों को जानकारी प्रदान की। उन्होंने पर्यवेक्षकों को लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ बताया। आयोग की आंख और कान के रूप में, केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सभी चुनाव कानूनों, नियमों और दिशानिर्देशों से अवगत रहने, प्रत्यक्ष क्षेत्रीय जानकारी प्रदान करने और उनके अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों के समाधान के लिए पूरी तरह से उपलब्ध रहें। उन्हें मतदान केंद्रों का दौरा करने और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में सहायता के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। ये क्षेत्रीय स्तर पर चुनाव प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की देखरेख भी करते हैं।