क्या यूनियन बैंक से धोखाधड़ी मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की?

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क्या यूनियन बैंक से धोखाधड़ी मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने बेंगलुरु में एसोसिएट लम्बर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ बड़ी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जानिए इस चार्जशीट में क्या है खास और कैसे यह मामला आगे बढ़ेगा।

Key Takeaways

  • प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट में 122 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को इस धोखाधड़ी से 56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
  • आरोपी कंपनियों ने असुरक्षित ऋण लेकर आपराधिक षड्यंत्र रचा।
  • कई समायोजनात्मक प्रविष्टियां की गईं, जिससे टर्नओवर बढ़ा।
  • ईडी ने 47 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है।

बेंगलुरु, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने विशेष न्यायालय (पीएमएलए) बेंगलुरु के समक्ष एसोसिएट लम्बर्स प्राइवेट लिमिटेड (एएलपीएल) और 17 अन्य आरोपियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपए (ब्याज सहित) की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में चार्जशीट पेश की। ईडी ने सीबीआई, एसीबी, बेंगलुरु द्वारा एएलपीएल के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच आरंभ की।

एएलपीएल, इसके निदेशकों और अन्य पर आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दायर किया गया है। ईडी की जांच ने खुलासा किया है कि कंपनी के निदेशकों मोहम्मद फारूक सुलेमान दरवेश, मनोहरलाल सतरामदास अगीचा, श्रीचंद सतरामदास अगीचा, इब्राहिम सुलेमान दरवेश ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (तत्कालीन कॉर्पोरेशन बैंक) द्वारा स्वीकृत ऋण राशि को एएलपीएल की सहयोगी कंपनियों को असुरक्षित ऋण के रूप में या एएलपीएल और टचवुड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड आदि के नाम पर संपत्ति खरीदने के लिए अन्य फर्मों को देकर आपराधिक षड्यंत्र किया। इससे एनपीए की तिथि तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को लगभग 56 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दर्ज शिकायत की तिथि तक ब्याज सहित बैंक को कुल 122 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि एएलपीएल ने अपनी सहयोगी कंपनियों के साथ कोई वास्तविक व्यावसायिक संबंध बनाए बिना सिर्फ अपने टर्नओवर को बढ़ाकर अपनी आहरण शक्ति (डीपी) बढ़ाने के लिए कई 'समायोजनात्मक प्रविष्टियां' कीं।

इसके परिणामस्वरूप, एएलपीएल ने बैंक से 60 करोड़ रुपये की नवीनीकृत ऋण सुविधाएं प्राप्त कीं। ऐसे में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एएलपीएल और उसकी सहयोगी कंपनियों ने समायोजनात्मक प्रविष्टियां कीं, जिससे एएलपीएल की ऋण सुविधाओं का नवीनीकरण बढ़े हुए टर्नओवर के आधार पर हुआ और ऋण राशि को सहयोगी कंपनियों को हस्तांतरित करने में भी सहायता मिली। इसके अतिरिक्त, अचल संपत्तियों की खरीद और सहयोगी कंपनियों की ओर से बैंकों के साथ सहयोगी कंपनियों और ओटीएस के ऋणों के निपटान के लिए भी धनराशि का हस्तांतरण किया गया और स्टॉक की बिक्री से प्राप्त राजस्व को ऋण खाते के माध्यम से नहीं भेजा गया।

साथ ही, निदेशकों द्वारा लगभग 7 करोड़ रुपए मूल्य के स्टॉक का निपटान किया गया और दावा किया गया कि वे चेन्नई बाढ़ में बह गए। इसके अलावा, लकड़ी के आयात के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में पनामा और कोस्टा रिका की संस्थाओं को भी धनराशि हस्तांतरित की गई है, जिनका नियंत्रण एएलपीएल के एक निदेशक के रिश्तेदारों के पास है।

ऐसी आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से आरोपियों ने करोड़ों रुपए की पीओसी उत्पन्न की और अर्जित की। 11 सितंबर4 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई है। इससे पहले 2024 में ईडी ने एएलपीएल के निदेशकों की लगभग 43 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी कुर्क की थी, जिससे मामले में कुल 47 करोड़ रुपए की कुर्की हुई।

Point of View

जो न केवल आरोपियों की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा प्रणाली की भी आवश्यकता को दर्शाता है। एक मजबूत जांच और पारदर्शिता से ही हम ऐसे मामलों को रोक सकते हैं।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

इस मामले में चार्जशीट कब दायर की गई?
चार्जशीट 17 सितंबर 2023 को बेंगलुरु में दायर की गई।
धोखाधड़ी में कुल कितना धन शामिल है?
इस मामले में कुल 122 करोड़ रुपए (ब्याज सहित) का धन शामिल है।
ईडी ने किसके खिलाफ चार्जशीट दायर की है?
ईडी ने एसोसिएट लम्बर्स प्राइवेट लिमिटेड और 17 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
इस मामले में आरोपियों ने क्या किया?
आरोपियों ने बैंक से असुरक्षित ऋण लेकर धोखाधड़ी की और विभिन्न समायोजनात्मक प्रविष्टियां कीं।
क्या इस मामले की जांच जारी है?
हाँ, इस मामले की जांच अभी भी जारी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।