क्या अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट पर ईडी का शिकंजा कसा गया है?

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क्या अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट पर ईडी का शिकंजा कसा गया है?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने मादक पदार्थों के अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें कई राज्यों में छापे मारे गए हैं। क्या यह कार्रवाई तस्करों के लिए चेतावनी है?

Key Takeaways

  • ईडी ने चार राज्यों में मादक पदार्थों के तस्करी रैकेट पर छापे मारे।
  • अवैध अफीम व्यापार से अर्जित संपत्तियों को जब्त किया गया।
  • मुख्य आरोपी के खिलाफ पहले से एफआईआर दर्ज हैं।
  • तस्करों का नेटवर्क समाज के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है।
  • यह कार्रवाई काले धन के सफेद होने को रोकने में सहायक है।

चंडीगढ़, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मादक पदार्थों के तस्करी के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चंडीगढ़ के क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कई ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया।

इस ऑपरेशन में मुख्य आरोपी गोपाल लाल अंजना (राजस्थान), छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल (हरियाणा), उनके भतीजे यादविंदर सिंह और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। हालिया छापों में आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति रिकॉर्ड बरामद हुए, जबकि दो उच्च मूल्य की आवासीय संपत्तियां और कई कृषि भूमि के प्लॉट जब्त कर लिए गए।

ईडी का दावा है कि ये संपत्तियां अवैध अफीम व्यापार से अर्जित 'अपराध की आय' (पीओसी) हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है।

यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस की नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस), 1985 के तहत दर्ज एफआईआर पर आधारित है। छिंदरपाल सिंह, यादविंदर सिंह, गोपाल लाल अंजना, भोला सिंह और हरजीत सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुके हैं। जांच में सामने आया कि छिंदरपाल और यादविंदर ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ निवासी गोपाल लाल अंजना से अफीम की खरीदारी की। खेप का एक हिस्सा भोला सिंह, जसमीत सिंह और हरजीत सिंह को बेचा गया, जबकि बाकी जब्त कर ली गई।

गोपाल अंजना ने कथित तौर पर अपने परिवार को जारी अफीम लाइसेंस का दुरुपयोग किया, जिससे वैध खेती के नाम पर अवैध व्यापार फल-फूल रहा था। जसमीत और हरजीत सिंह ने भी छिंदरपाल से अफीम खरीदने की पुष्टि की है।

ईडी अधिकारियों ने बताया कि यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था। छिंदरपाल सिंह का आपराधिक इतिहास लंबा है, उन्हें 2 फरवरी 2006 को एनडीपीएस की धारा 17 और 18 के तहत एफआईआर 34 में दोषी ठहराया गया। वहीं, 1 फरवरी 2022 की एफआईआर 68 में भी धारा 17 के तहत उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये तस्कर नेटवर्क न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि काला धन सफेद करने का जरिया भी बना है।"

छापों में बरामद दस्तावेजों से पता चला कि अफीम की खेती से कमाई को संपत्तियों में निवेश किया गया।

Point of View

बल्कि समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किन राज्यों में छापे मारे?
ईडी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में छापे मारे।
मुख्य आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी गोपाल लाल अंजना और छिंदरपाल सिंह हैं।
ईडी ने क्या बरामद किया?
ईडी ने आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति रिकॉर्ड और आवासीय संपत्तियां बरामद की हैं।
क्या यह कार्रवाई अवैध व्यापार को रोकने में मदद करेगी?
हाँ, यह कार्रवाई अवैध व्यापार पर नकेल कसने में मदद करेगी।
क्या यह मामला कई वर्षों से चल रहा था?
जी हाँ, यह सिलसिला कई वर्षों से जारी था।