क्या इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली में प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय इतिहास को उजागर करता है?

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क्या इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली में प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय इतिहास को उजागर करता है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली में आयोजित प्रदर्शनी ने उस दौर के काले अध्यायों को उजागर किया? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। जानें इस प्रदर्शनी के पीछे का उद्देश्य और राजनीतिक नेताओं की टिप्पणियाँ।

Key Takeaways

  • इमरजेंसी का 50 साल पूरा होना एक महत्वपूर्ण अवसर है।
  • मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • प्रदर्शनी का उद्देश्य इतिहास के काले अध्यायों को उजागर करना है।
  • केंद्र और राज्य के नेताओं ने आपातकाल के दौरान के अत्याचारों पर ध्यान आकर्षित किया।
  • लोकतंत्र की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। देश में इमरजेंसी के ५० साल पूरे होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद और कपिल मिश्रा भी उपस्थित रहे।

सीएम रेखा गुप्ता ने इस कार्यक्रम में इमरजेंसी की याद दिलाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जो लोग आज संविधान की कॉपियां लेकर घूमते हैं और कहते हैं कि संविधान को दबाया जा रहा है, मैं उनसे कहना चाहती हूं कि पूरा देश गवाह है कि उनके पूर्वजों ने संविधान को कैसे कुचला। पूरा देश इसका गवाह है।"

उन्होंने कहा, "यह हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, जब लोकतंत्र को कुचला गया। उस समय जब देश गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा था, एक निकम्मी सरकार अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थी। सच्चा लोकतंत्र तब होता जब इंदिरा गांधी इस्तीफा देतीं, लोगों को सत्ता वापस सौंपतीं और माफी मांगतीं।"

इमरजेंसी की ५०वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से कहा, "लोकतंत्र की हत्या को ५० साल बीत चुके हैं। मुझे उन लोगों पर हंसी और गुस्सा दोनों आ रहा है, जो आज भी लोकतंत्र को जेब में रखते हैं और दूसरों को इसकी रक्षा करने का उपदेश देते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि लोकतंत्र की हत्या करने वाले आपके ही पूर्वज थे। भारतीय इतिहास में संविधान का गला घोंटने वाले दिन से ज्यादा काला दिन कोई नहीं हो सकता है। आज वे अपनी जेब में संविधान की कॉपी रखकर घूमते हैं और कहते हैं कि लोकतंत्र को बचाओ।"

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "आपातकाल को अब ५० साल हो गए हैं और एक बड़ी पीढ़ी ऐसी है, जिसने इसे कभी नहीं देखा। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आज ७० या उससे अधिक उम्र के लोगों ने आपातकाल को झेला है, इसे करीब से झेला है और अत्याचारों को खुद देखा है। उस दौरान किए गए अत्याचार की सीमा को बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।"

दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास पर काला धब्बा है। यह उन लोगों की असलियत सामने लाता है, जो जेब में संविधान की लाल किताब रखकर चलते हैं और कहते हैं कि संविधान खतरे में है। उन्होंने (कांग्रेस) हजारों लोगों की हत्या की, लाखों लोगों को जेल में डाल दिया और इस पर उन्होंने आज तक माफी नहीं मांगी है।

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "यह प्रदर्शनी दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई है। मनोहर लाल और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभी-अभी इसका जनता के लिए उद्घाटन किया है। प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित करना है। इसका एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश उस दौरान हुई लोकतंत्र और संविधान की हत्या को कभी न भूले।"

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "आपातकाल को 50 साल हो गए हैं। कांग्रेस, गांधी परिवार और इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जो किया, वह पाप था। आज हम राजीव गांधी पार्क में इसे याद कर रहे हैं, ताकि लोग उनके कुकर्मों को न भूलें।"

Point of View

जो हमें हमारे इतिहास के उस काले अध्याय को याद दिलाता है। इमरजेंसी के दौरान की घटनाएँ आज भी हमारे लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

इमरजेंसी क्या थी?
इमरजेंसी 1975 से 1977 के बीच भारत में लागू की गई एक स्थिति थी, जब नागरिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य क्या है?
प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों को उजागर करना और लोगों को उस समय की घटनाओं के प्रति जागरूक करना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने इमरजेंसी को भारतीय इतिहास का काला दिन बताते हुए लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस प्रदर्शनी में कौन-कौन शामिल था?
प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और अन्य मंत्री शामिल थे।
क्या इमरजेंसी के समय की घटनाएँ आज भी महत्वपूर्ण हैं?
हां, इमरजेंसी के समय की घटनाएँ आज भी हमारे लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी हैं।