क्या एडप्पादी पलानीस्वामी 17 सितंबर से 'मक्कलाई कप्पोम' यात्रा का पांचवां चरण शुरू करेंगे?

Click to start listening
क्या एडप्पादी पलानीस्वामी 17 सितंबर से 'मक्कलाई कप्पोम' यात्रा का पांचवां चरण शुरू करेंगे?

सारांश

अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी 17 सितंबर से तमिलनाडु में 'मक्कलाई कप्पोम' यात्रा का पांचवां चरण शुरू करने जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य पार्टी के समर्थन आधार को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए तैयार रहना है। जानिए इस यात्रा के महत्वपूर्ण चरणों के बारे में।

Key Takeaways

  • पलानीस्वामी की यात्रा का पांचवां चरण 17 सितंबर से शुरू होगा।
  • यात्रा का उद्देश्य पार्टी का समर्थन आधार मजबूत करना है।
  • यात्रा में 19 जनसभाएं होंगी, जो विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएंगी।
  • यह यात्रा दस दिवसीय होगी और 26 सितंबर को समाप्त होगी।
  • पलानीस्वामी ने द्रमुक के कुशासन के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का वादा किया है।

चेन्नई, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी 17 सितंबर को धर्मपुरी, तमिलनाडु से अपनी राज्यव्यापी यात्रा का पांचवां चरण 'मक्कलाई कप्पोम थमिझागथाई मीटपोम' आरंभ करने के लिए तैयार हैं।

यह दस दिवसीय अभियान कई जिलों से होते हुए 26 सितंबर को करूर जिले के कुलीथलाई में समाप्त होगा।

यात्रा के इस चरण में, पलानीस्वामी अपने प्रचार वाहन से धर्मपुरी, नमक्कल, नीलगिरी, डिंडीगुल और करूर जिलों में 19 जनसभाएं करेंगे।

अन्नाद्रमुक मुख्यालय द्वारा जारी एक घोषणा में कहा गया है कि इन क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को समर्थकों को संगठित करने और कार्यक्रमों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

इस वर्ष की शुरुआत में यात्रा शुरू करने के बाद से, पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के लगभग 150 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया है।

उनकी रैलियों में लगातार बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं, जो सत्तारूढ़ द्रमुक के एक मजबूत विकल्प के रूप में अन्नाद्रमुक को स्थापित करने के उनके प्रयास को दर्शाता है।

यात्रा का पहला चरण फरवरी में उनके गृह क्षेत्र सलेम से शुरू हुआ था, जहाँ पलानीस्वामी ने "लोगों की रक्षा करने और तमिलनाडु को द्रमुक के कुशासन से मुक्त कराने" का वादा किया था।

इस चरण में उन्होंने इरोड, तिरुप्पुर और कोयंबटूर सहित पश्चिमी जिलों का दौरा किया। मार्च में शुरू हुए दूसरे चरण में तंजावुर, तिरुवरूर और नागपट्टिनम के डेल्टा क्षेत्र शामिल थे, जहाँ उन्होंने किसानों की शिकायतों को उजागर किया और राज्य द्वारा कृषि एवं जल प्रबंधन के संचालन की आलोचना की।

तीसरे चरण में, पलानीस्वामी ने वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई और कांचीपुरम जैसे उत्तरी जिलों में प्रचार किया, द्रमुक पर चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और मतदाताओं से "अन्नाद्रमुक के विकास और कल्याणकारी शासन को बहाल करने" का आह्वान किया।

चौथा चरण दक्षिणी तमिलनाडु पर केंद्रित था, जहाँ पलानीस्वामी ने मदुरै, थेनी, विरुधुनगर और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा किया और पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा शुरू की गई जन-हितैषी योजनाओं को वापस लाने का अपना संकल्प दोहराया।

हर चरण के साथ, पलानीस्वामी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने, अन्नाद्रमुक के समर्थन आधार को मजबूत करने और खुद को पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि 2026 के चुनाव तमिलनाडु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होंगे। उन्होंने अन्नाद्रमुक को सत्ता में वापस लाने और राज्य को "समृद्धि और विकास की ओर" ले जाने का संकल्प लिया है।

17 सितंबर से शुरू होने वाले इस पांचवे चरण पर कड़ी नज़र रखी जाएगी, क्योंकि यह धर्मपुरी, नमक्कल और पश्चिमी क्षेत्र में अन्नाद्रमुक की संगठनात्मक ताकत का परीक्षण करेगा, जो पार्टी के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले क्षेत्र हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पलानीस्वामी की यात्रा केवल चुनावी प्रचार का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने का प्रयास है। अन्नाद्रमुक का पुनरुद्धार और द्रमुक के विकल्प के रूप में उभरना महत्वपूर्ण है। इन चुनावों में जनता की भागीदारी और मुद्दों की स्पष्टता महत्वपूर्ण होगी।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

एडप्पादी पलानीस्वामी की यात्रा का उद्देश्य क्या है?
उनकी यात्रा का उद्देश्य अन्नाद्रमुक के समर्थन आधार को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए तैयार रहना है।
यात्रा के इस चरण में कितनी जनसभाएं होंगी?
यात्रा के इस चरण में पलानीस्वामी 19 जनसभाएं करेंगे।
यह यात्रा कब समाप्त होगी?
यह दस दिवसीय यात्रा 26 सितंबर को करूर जिले के कुलीथलाई में समाप्त होगी।
पलानीस्वामी का चुनावी वादा क्या है?
पलानीस्वामी ने लोगों को द्रमुक के कुशासन से मुक्त कराने और अन्नाद्रमुक के विकास और कल्याणकारी शासन को बहाल करने का वादा किया है।
पलानीस्वामी की यात्रा का पहला चरण कब शुरू हुआ?
यात्रा का पहला चरण फरवरी में उनके गृह क्षेत्र सलेम से शुरू हुआ।