क्या इटावा की घटना दो विचारधाराओं का टकराव है?

सारांश
Key Takeaways
- इटावा की घटना पर विचारधाराओं का टकराव है।
- जातिवाद की राजनीति को खारिज किया गया है।
- समाजवादी पार्टी सिद्धांतों पर राजनीति करने का समर्थन करती है।
- बिहार चुनाव में पार्टी की भूमिका पर चर्चा हो रही है।
- रामजीलाल सुमन का बयान महत्वपूर्ण है।
फिरोजाबाद, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के इटावा में हाल की घटना पर बढ़ते तनाव के बीच समाजवादी पार्टी के सांसद और महासचिव रामजीलाल सुमन ने सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए इसे दो विचारधाराओं का टकराव बताया।
रामजीलाल सुमन ने इटावा की घटना पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "यह दो समाज और जातियों का टकराव नहीं है, बल्कि दो विचारधाराओं का टकराव है। जो वेद और शास्त्रों की जानकारी रखता है, अगर कुछ लोग भागवत-पुराण, महाभारत और गीता पढ़कर पंडित बन जाते हैं, तो क्या इसमें कोई पाप है? अगर किसी जाति विशेष के लोगों ने, जैसे कि पिछड़ों और दलितों ने पंडित का काम कर लिया, तो इसमें क्या गलत है? जो लोग इसे अपनी बपौती समझते हैं, वे गलतफहमी में हैं। सिर्फ इस आधार पर तनाव पैदा करना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है।"
बिहार चुनाव से पहले जातिवाद के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए सपा सांसद ने कहा, "मैं जातिवाद को नहीं पहचानता, राजनीति को सिद्धांतों, उसूलों और विचारों पर होना चाहिए। आज की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि राजनीति के जो मुद्दे होने चाहिए, वे राजनीति से गायब हैं। कुछ लोग जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी हमेशा इस विचार के खिलाफ रही है, हम सिद्धांतों पर राजनीति करने वाले लोग हैं।"
बिहार में समाजवादी पार्टी के चुनाव लड़ने के सवाल पर रामजीलाल सुमन ने कहा, "बिहार में समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी या नहीं, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। लेकिन हम यह चाहेंगे कि पूरे हिंदुस्तान में भाजपा हार जाए, जिसमें समाजवादी पार्टी की अहम भूमिका हो।"
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की पत्नी के हालिया बयान पर रामगोपाल वर्मा ने कहा, "आजम खान के बेटे ने कहा है कि सपा के लोगों ने हमारी बहुत मदद की है, जिसे बताया नहीं जा सकता।"