क्या ईयू प्रमुख ने इजरायल पर आंशिक व्यापार निलंबन का संकेत दिया?
सारांश
Key Takeaways
- ईयू प्रमुख ने इजरायल पर व्यापार निलंबन का संकेत दिया।
- गाजा युद्ध पर यूरोप की चिंताएँ बढ़ी हैं।
- इजरायली विदेश मंत्री ने इसे गलत संदेश कहा।
तेल अवीव, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने गाजा युद्ध पर दुख व्यक्त करते हुए इजरायल पर पाबंदियों का समर्थन किया। उन्होंने इजरायल के खिलाफ आंशिक व्यापार निलंबन की योजना का उल्लेख किया। लेयेन की इस टिप्पणी को इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने अफसोसनाक माना। उन्होंने कहा कि ईयू प्रमुख आंशिक प्रतिबंधों की बात कर गलत संदेश दे रही हैं।
विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि उनकी टिप्पणी हमास को मजबूत करती है और गाजा में मानवीय स्थिति में सुधार के इजरायल के प्रयासों की अनदेखी करती है।
वास्तव में, वॉन डेर लेयेन ने पूर्वी फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद के पूर्ण सत्र में प्रतिबंध की वकालत करते हुए कहा, "मानव निर्मित अकाल कभी भी युद्ध का हथियार नहीं हो सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि ईयू अगले महीने तक फिलीस्तीनी दानदाता समूह बनाएगा, जिसका एक हिस्सा गाजा के पुनर्निर्माण में मदद करेगा।
यह बयान ऐसे समय में आया जब कुछ घंटे पहले ही इजरायल ने गाजा निवासियों को शहर का एक हिस्सा छोड़ने को कहा था, जिसे वो हमास का गढ़ मानता है।
वहीं, ईयू प्रमुख की टिप्पणी पर मंत्री गिदोन सार ने कहा कि यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष की टिप्पणी हमास को मजबूत करती है। यह गाजा की स्थिति बेहतर करने की दिशा में इजरायल की ओर से किए जा रहे प्रयासों की अनदेखी करती है।
सार ने एक्स पर लिखा, "यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष की आज सुबह की टिप्पणियाँ खेदजनक हैं। एक बार फिर, यूरोप गलत संदेश दे रहा है जिससे हमास और मध्य पूर्व में कट्टरपंथी धुरी मजबूत हो रही है।"
इजरायली विदेश मंत्री ने आगे लिखा, "ईयू प्रमुख गाजा में मानवीय स्थिति में मदद के लिए इजरायल के प्रयासों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।" उन्होंने आगे कहा कि प्रगति जमीनी स्तर पर स्पष्ट है, जिसमें गाजा में बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि "गाजा में जो पीड़ा है, वह पूरी तरह से हमास का काम है, और 7 अक्टूबर, 2023 को किए गए नरसंहार ने ही इस युद्ध को जन्म दिया। आयोग की अध्यक्ष इजरायल-यूरोप संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करने वाले तत्वों के दबाव में आकर गलती कर रही हैं। यह प्रवृत्ति स्वयं यूरोपीय देशों के हितों के विपरीत है, और यह साझेदारों के बीच स्वीकार्य आचरण नहीं है।