क्या पूर्व कर्मचारी ने फर्जी पुलिस गैंग से लूट कराई?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- फर्जी पुलिस गैंग ने बीमा कंपनी के कार्यालय में चोरी की।
- एक पूर्व कर्मचारी ने गैंग की योजना में मदद की।
- गिरफ्तार आरोपियों के पास से कई चोरी की गई वस्तुएं बरामद हुईं।
- इस मामले ने समाज में धोखाधड़ी की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर किया।
नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में एक फर्जी पुलिस गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन के दौरान इस गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पूर्वी जिला की स्पेशल स्टाफ टीम और लक्ष्मी नगर पुलिस थाने के कर्मचारियों ने पिछले 24 घंटों में सभी आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से दो गाड़ियां, चोरी किया हुआ धन, लैपटॉप और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने लक्ष्मी नगर क्षेत्र में फर्जी स्पेशल स्टाफ यूनिट के रूप में एक बीमा कंपनी के कार्यालय पर धावा बोलकर चोरी की इस घटना को अंजाम दिया।
27 जुलाई को शास्त्री पार्क के निवासी ने पुलिस को सूचना दी कि चार व्यक्ति स्पेशल स्टाफ यूनिट के पुलिसकर्मी बनकर उसके कार्यालय में घुसे। उन्होंने मोबाइल फोन और लैपटॉप चुरा लिया, और एक हुंडई वेन्यू कार में जबरदस्ती ले जाकर पीड़ित को पीटा। आरोपियों ने डेढ़ लाख रुपये भी लिए, जिसमें से 70 हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कराए गए। पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसे नकली बीमा धोखाधड़ी के मामले में फंसाने की धमकी भी दी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्वी जिला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आरोपियों की तलाश शुरू की।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक स्पेशल स्टाफ टीम ने इस मामले की जांच की। स्थानीय क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच के बाद सभी आरोपियों की पहचान की गई। तकनीकी सूचनाओं के आधार पर 28 जून की रात नोएडा लिंक रोड पर कार में सवार पांच फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद लक्ष्मी नगर और पूर्वी जिला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 3 अन्य आरोपियों को दिल्ली के विभिन्न इलाकों से पकड़ा गया।
जांच के दौरान यह पता चला कि एक आरोपी, हन्नी कुमार, पहले पीड़ित के कार्यालय में काम करता था और उसने दो हफ्ते पहले नौकरी छोड़ी थी। आरोप है कि व्यक्तिगत द्वेष के कारण हन्नी कुमार ने सनी शर्मा को पीड़ित के बारे में कंपनी में जानकारी दी। इसके बाद इन आरोपियों ने मिलकर चोरी की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। आरोपी स्वयं को पुलिसकर्मी बताकर शिकार को डराकर उसकी संपत्ति और पैसे लूट रहे थे। फिलहाल, पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।