क्या मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत फर्जी मतदाताओं की पहचान हो रही है? सांसद मुकेश राजपूत

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची पुनरीक्षण एक निरंतर प्रक्रिया है।
- फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा रही है।
- राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी का संविधान के प्रति सम्मान अद्वितीय है।
- आजादी के दिन तिरंगा हर घर में होना चाहिए।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने गुरुवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विरोधी दलों की ओर से निर्वाचन आयोग पर उठाए गए सवालों पर आपत्ति जताई।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इन दलों ने चुनाव आयोग पर प्रश्न उठाए हैं। इसके अलावा, इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। लेकिन, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है।
राजपूत ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत जितने भी फर्जी मतदाता हैं, उन्हें पहचानने का काम किया जा रहा है। यदि किसी मतदाता की मृत्यु हो चुकी है या कोई मतदाता अन्य स्थान पर रहने लगा है, तो ऐसे सभी व्यक्तियों का नाम भी सूची से हटाया जा रहा है। यह प्रक्रिया आज से नहीं, बल्कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते शुरू हुई थी। हालाँकि, कुछ विरोधी दल इस मुद्दे पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा नेता ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस की स्थिति यह है कि जब यह पार्टी चुनाव जीतती है, तो चुनाव आयोग सही रहता है, लेकिन जब हार का सामना करना पड़ता है, तो सवाल उठाने लगती है। यह राजनीति की अजीब स्थिति है।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सीटें 340 से घटकर 240 हो जाती हैं, तो ईवीएम ठीक रहता है, लेकिन जब भाजपा की सीटें बढ़ती हैं, तो उन्हें चुनाव आयोग और ईवीएम पर आपत्ति होती है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने मनगढ़ंत आरोप लगाए थे।प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान का जिस प्रकार सम्मान किया है, वैसा सम्मान आज तक किसी ने नहीं किया।
इसके अलावा, सीएम योगी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में बड़े माफिया सक्रिय थे, जिन्हें योगी आदित्यनाथ ने खत्म कर दिया। आज लोग सुकून से रह रहे हैं और कानून व्यवस्था में सुधार की सराहना कर रहे हैं।
राजपूत ने यह भी कहा कि आजादी के दिन सभी घरों में तिरंगा लगाना चाहिए, ताकि हमें याद रहे कि हमें यह आजादी किस प्रकार मिली। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।