क्या फरवरी 2026 में होगा सबसे बड़ा एआई समिट? वैष्णव ने बताया मोदी सरकार का मास्टरप्लान

सारांश
Key Takeaways
- इम्पैक्ट एआई समिट का आयोजन फरवरी 2026 में होगा।
- सम्मेलन में दुनियाभर के विशेषज्ञों की भागीदारी होगी।
- भारत का लक्ष्य 500 से अधिक डेटा सेंटर स्थापित करना है।
- यूपीआई जैसे सफल तकनीकी मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा।
- छोटे शहरों को तकनीकी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगामी इम्पैक्ट एआई समिट और भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रगति पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने बताया कि फरवरी 2026 में भारत एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनेगा जब इम्पैक्ट एआई समिट का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह सम्मेलन पहले ब्रिटेन, कोरिया और फ्रांस जैसे देशों में हो चुका है। अब भारत इस विशेष आयोजन की मेज़बानी करेगा, जिसमें दुनियाभर की सरकारों और विशेषज्ञों की भागीदारी होगी।
मंत्री ने कहा कि आज इम्पैक्ट एआई समिट का लोगो लॉन्च किया गया है और इसकी थीम प्रस्तुत की गई है। इसका उद्देश्य मानव-केंद्रित विकास, समावेशी वृद्धि और तकनीक को सभी के लिए सुलभ बनाना है। सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण पहलू एक ऐसा गवर्नेंस फ्रेमवर्क तैयार करना होगा, जो विश्व के अधिकांश हिस्सों में प्रासंगिक हो।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत हमेशा ऐसी तकनीकें विकसित करता रहा है जो वैश्विक स्तर पर उपयोगी हों। यूपीआई इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसे दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। भारत चाहता है कि एआई भी समावेशी और परिवर्तनकारी बने। इसके लिए भारत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। कुछ टीमें बड़े पैमाने के एआई मॉडल पर काम कर रही हैं, वहीं कई टीमें छोटे और क्षेत्र-विशेष पर केंद्रित मॉडल विकसित कर रही हैं।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिए हैं कि तकनीक का असर आम नागरिकों के जीवन में दिखना चाहिए। एआई केवल बड़ी कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि छोटे किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार के लिए सहायक होनी चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि भारत का मिशन है छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए विशाल कम्प्यूटिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना। वर्तमान में देश में 38,000 जीपीयू पहले से कार्यरत हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। आने वाले समय में मांग तेजी से बढ़ने वाली है।
मंत्री ने कहा कि यह भी उत्साहजनक है कि सुविधाएं केवल बेंगलुरु या पुणे जैसे पारंपरिक केंद्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों तक फैलाई जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि पूरे देश में 500 से अधिक डेटा सेंटर स्थापित किए जाएं।
अंत में, मंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर, एआई और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।