क्या राजस्थान के टोंक जिले में खाद की कमी किसानों के लिए संकट बन गई है?
सारांश
Key Takeaways
- यूरिया खाद की कमी ने किसानों को संकट में डाल दिया है।
- किसानों की समस्याओं पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।
- फसलों की वृद्धि में रुकावट आ रही है।
- किसानों में आक्रोश और निराशा देखने को मिल रही है।
- यूरिया की आपूर्ति में तेजी लाने की आवश्यकता है।
टोंक, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के टोंक जिले में यूरिया खाद की गंभीर कमी ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। पिछले लगभग एक महीने से किसान यूरिया खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। गांवों से लेकर शहरों तक हर जगह किसान परेशान दिखाई दे रहे हैं, लेकिन न तो कृषि विभाग उनकी आवश्यकताओं के अनुसार खाद उपलब्ध करा पा रहा है और न ही जिले के जनप्रतिनिधि किसानों की पीड़ा पर ध्यान दे रहे हैं।
यूरिया की कमी का प्रत्यक्ष प्रभाव फसलों पर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद नहीं मिली, तो सरसों और गेहूं की फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है। खेतों में फसल तैयार है, लेकिन खाद के अभाव में उसकी वृद्धि रुक गई है।
शनिवार को भी यही स्थिति टोंक शहर के देवली रोड पर स्थित इफको बाजार में देखी गई। जैसे ही यूरिया की सप्लाई आने की सूचना मिली, वैसे ही अलसुबह से ही किसानों की भीड़ बाजार में जुट गई। सुबह अंधेरे में ही लगभग एक हजार किसान लाइन में लग गए ताकि उन्हें खाद मिल सके। कई किसान तो रात से ही वहां मौजूद थे।
हालांकि घंटों इंतजार के बाद भी अधिकांश किसानों को निराशा ही हाथ लगी। किसानों का आरोप है कि टोकन सीमित संख्या में बांटे गए और सभी को खाद नहीं मिल पाई। इससे नाराज किसानों में आक्रोश भी देखने को मिला।
एक किसान, जयनारायण सहनी ने कहा कि वह 25 किलोमीटर दूर से खाद लेने आए हैं। उन्होंने बताया, "मैं शुक्रवार को भी आया था। तब कहा गया कि शनिवार को टोकन मिलेगा। आज सुबह तीन बजे से लाइन में खड़ा हूं। लाइन में लगभग एक हजार लोग थे, लेकिन टोकन सिर्फ 200 से 300 किसानों को ही मिला। दुकानदार दुकान बंद करके चला गया। जिनके पास टोकन है, उन्हें भी खाद नहीं दी जा रही है। कभी आज तो कभी कल देने की बात कही जा रही है।"