क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स और मार्केट एक्सपर्ट्स के साथ आगामी बजट पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- प्री-बजट बैठक में स्टार्टअप्स से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा हुई।
- प्रतिभागियों ने नवाचार और फंडिंग के लिए सुझाव दिए।
- वित्त मंत्री विभिन्न उद्योगों के साथ लगातार चर्चा कर रही हैं।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी बैठक होगी।
- बैठकों का उद्देश्य आगामी बजट के लिए उद्योगों की अपेक्षाओं को समझना है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्री-बजट बैठक के पांचवे दौर में देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के विभिन्न पक्षकारों के साथ आगामी बजट पर विचार-विमर्श किया।
वित्त मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, बैठक का ध्यान स्टार्टअप क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर था। प्रतिभागियों ने नवाचार, फंडिंग और नियामक ढांचे को मजबूत करने हेतु प्रस्ताव रखे।
इससे पहले, वित्त मंत्री ने कैपिटल मार्केट के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की थी, जिसमें बाजार से जुड़े लोगों की चिंताओं और उम्मीदों पर चर्चा हुई।
इस बैठक में वित्त मंत्री के अलावा, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी मौजूद थे।
यह प्री-बजट चर्चा विभिन्न उद्योगों के साथ आयोजित बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है।
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री मंगलवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगी।
19 नवंबर को बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) तथा सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रतिनिधियों से चर्चा होगी। 20 नवंबर को हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म उद्योग के सदस्यों और विभिन्न श्रमिक संघों के साथ बैठकें होंगी।
इसके अतिरिक्त, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और शहरी विकास के प्रतिनिधि वित्त मंत्री से 21 नवंबर को मिलेंगे।
पिछले हफ्ते, वित्त मंत्री ने देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ भी चर्चा की थी, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
वित्त मंत्री ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रतिनिधियों के साथ तीसरी प्री-बजट बैठक की।
इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और एमएसएमई मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
प्री-बजट चर्चाएं सरकार द्वारा विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों और अन्य पक्षकारों के साथ लगातार की जा रही हैं।