क्या पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक की मुश्किलें और बढ़ गईं?

सारांश
Key Takeaways
- पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक को अवैध हथियार रखने के आरोप में रिमांड पर भेजा गया है।
- राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कार्रवाई प्रतिशोध का हिस्सा हो सकती है।
- अनीसुल हक की गिरफ्तारी के बाद 58 दिन की रिमांड का आदेश दिया गया है।
- भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
- अवामी लीग के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
ढाका, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के एक न्यायालय ने सोमवार को पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक को अवैध हथियार रखने के आरोप में दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। यह मामला आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मोहम्मद मिन्हाजुर रहमान ने पुलिस द्वारा दायर रिमांड याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। यह जानकारी ढाका मेट्रोपॉलिटन सेशंस जज कोर्ट के अतिरिक्त लोक अभियोजक अजीजुल हक दिदार ने प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र के हवाले से दी।
इससे पहले मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने अनीसुल हक को अदालत में पेश करते हुए पूछताछ के लिए पाँच दिन की रिमांड की मांग की थी। वहीं, बचाव पक्ष ने पुलिस की याचिका खारिज करने की अपील की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें दो दिन की रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि अनीसुल हक को अगस्त 2024 में हिंसक विद्रोह के बाद अवामी लीग सरकार के पतन के बाद गिरफ्तार किया गया था।
अब तक अलग-अलग मामलों में अदालतें उन्हें कुल 58 दिन की रिमांड पर भेज चुकी हैं। पिछले महीने भी शाहबाग थाने में दर्ज हत्या के मामले में अदालत ने उन्हें पाँच दिन की रिमांड पर भेजा था।
इससे पूर्व, बांग्लादेश की भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) ने उनके खिलाफ 146 करोड़ टका की कथित अवैध संपत्ति जुटाने का मामला भी दर्ज किया था। आयोग का आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर यह संपत्ति जुटाई।
अवामी लीग के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत, अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पार्टी के कई नेताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए रिमांड पर भेजा गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम अंतरिम सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों पर सरकार गिरते ही कई मामले दायर किए गए, जिनमें से कई को मनगढ़ंत बताया जा रहा है।