क्या अफगानिस्तान के गार्देज शहर में अस्पताल बंद होने से लोग बीमारियों का सामना कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- अफगानिस्तान के गार्देज में अस्पताल बंद है।
- गर्मी में संक्रामक रोगों का बढ़ना।
- लोगों की आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की मांग।
- सरकार द्वारा दाताओं की तलाश।
- निजी अस्पतालों की सेवाएं महंगी हैं।
काबुल, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के गार्देज शहर के निवासियों ने तालिबान प्रशासन से स्थानीय अस्पताल को पुनः चालू करने की मांग की है।
उनका कहना है कि इस गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन गार्देज स्थित ५०-बेड का अस्पताल कई महीनों से बंद पड़ा है, जिससे आम लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पक्तिया निवासी असदुल्लाह ने कहा, “हम चाहते हैं कि संक्रामक रोगों का अस्पताल फिर से खोला जाए। इन दिनों बीमारियों का बढ़ना, अत्यधिक गर्म मौसम और खांसी व सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।”
एक अन्य निवासी मोहम्मद खान ने बताया, “लोगों के पास न तो परिवहन के पैसे हैं और न ही दवाएं खरीदने की क्षमता। हम सरकार से अपील करते हैं कि इस अस्पताल को फिर से शुरू किया जाए ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा सके।”
पक्तिया के उप-गवर्नर इनामुल्लाह सलाहुद्दीन ने बताया कि अस्पताल को पुनः चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “संक्रामक रोगों के इस अस्पताल का ठेका पहले एक दाता को दिया गया था, लेकिन अब वह अनुबंध समाप्त हो गया है। हम एक नए दाता को ठेका देने की प्रक्रिया में हैं ताकि अस्पताल को फिर से सेवाएं देने के लिए सक्रिय किया जा सके।”
अफगानिस्तान को अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद बंद होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रशासनिक उप सचिव ने हाल ही में पक्तिया दौरे के दौरान पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गार्देज के निवासी खासतौर पर गर्मी के मौसम में फैल रही बीमारियों को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि निजी अस्पतालों की महंगी सेवाएं आम जनता की पहुंच से बाहर हैं, जिससे सरकारी अस्पताल का बंद रहना गरीबों के लिए एक गंभीर संकट बन गया है।