क्या राहुल गांधी भारत के लोकतंत्र और संविधान पर सबसे बड़ा हमला कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- गौरव वल्लभ ने इमरान मसूद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयान लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं।
- कांग्रेस का केंद्र अब प्रियंका गांधी बन गया है।
- प्रधानमंत्री बनने के लिए सिर्फ नाम नहीं, मेहनत और विचारधारा चाहिए।
- लोकतंत्र की मजबूती के लिए संस्थाओं का सम्मान आवश्यक है।
दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद द्वारा प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री बनाने के संबंध में दिए गए बयान पर भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इमरान मसूद को पहले राहुल गांधी से मिलकर यही बयान एक बार उनके मुंह से कहलवाना चाहिए।
गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से संवाद में कहा कि यदि इमरान मसूद यह बयान राहुल गांधी से कहलवा देते हैं, तो देश को भी पता चलेगा कि उन्होंने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है, क्योंकि कांग्रेस तो राहुल गांधी के चारों ओर ही घूमती है और उन्होंने प्रियंका गांधी को पार्टी का केंद्र बना दिया है।
उन्होंने तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी का नाम ले रही है और इमरान मसूद प्रियंका गांधी का। क्या पता, कुछ समय बाद कोई प्रियंका गांधी के बच्चों का नाम लेकर कहे कि इन्हें भी प्रधानमंत्री बना दो।
गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री कोई सरनेम से नहीं बनता। देश ने ऐसी राजनीति को समाप्त कर दिया है। प्रधानमंत्री बनने के लिए मेहनत, भारत के प्रति त्याग और सोच की आवश्यकता होती है। आपके दादा-दादी, काका-काकी प्रधानमंत्री थे, इसलिए आप भी प्रधानमंत्री बन जाएंगे, अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने इमरान मसूद को कहा कि पहले अपने बयान को राहुल गांधी से रीट्वीट करवाएं।
उन्होंने राहुल गांधी को ‘पर्यटन के नेता’ बताते हुए कहा कि वह सदन की कार्यवाही छोड़कर अन्य देशों में चले जाते हैं। भारत के करदाताओं के पैसे से उनकी सुखद जिंदगी चलती है, लेकिन वह विदेश में कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र और संविधान पर सबसे बड़ा हमला तो राहुल गांधी खुद करते हैं, जब वे लोकतंत्र के विषय में विदेश में सवाल उठाते हैं।
गौरव वल्लभ ने कहा कि राहुल गांधी उस धरती पर जाकर लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं, जहां भारत के लोकतंत्र की मिसाल दी जाती है। जब वे संवैधानिक संस्थाओं, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक पर सवाल उठाते हैं, तो यह लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला होता है।