क्या गौतम अदाणी ने व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल के छात्रों को 'अनमोल रत्न' बताया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत के युवाओं की रचनात्मकता का महत्व
- सिनेमा को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि पहचान का प्रतीक मानना
- टेक्नोलॉजी को अपनाने की आवश्यकता
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य में योगदान
- राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने की दिशा में कदम
मुंबई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अध्यक्ष गौतम अदाणी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विशेष पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने भारत के युवाओं, सिनेमा और रचनात्मकता की क्षमता पर गहरा विश्वास व्यक्त किया। इस पोस्ट में व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल में आयोजित एक कार्यक्रम की तस्वीरें शामिल हैं, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के कई प्रमुख चेहरे उपस्थित थे। तस्वीरों में उनके साथ फिल्म निर्माता सुभाष घई, राजकुमार हिरानी और अभिनेता कार्तिक आर्यन जैसे कई नामी लोग दिखाई दिए।
अपने कैप्शन में अदाणी ने लिखा, ''अपने देश के युवाओं के बीच होना हमेशा ऊर्जा से भरपूर होता है। खासकर जब ये युवा व्हिसलिंग वुड्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से आते हैं, तो उनकी ऊर्जा और भी प्रबल हो जाती है। सुभाष घई को धन्यवाद, जिन्होंने भारत को रचनात्मकता और जुनून का ऐसा केंद्र दिया है जहां हर कोना प्रेरणा से भरा हुआ है। राजकुमार हिरानी, जैकी श्रॉफ, कार्तिक आर्यन और महावीर जैन जैसी महान हस्तियों के साथ मंच साझा करने से यह शाम और भी खास बन गई।''
कैप्शन के अंत में उन्होंने लिखा, ''छात्रों के लिए मेरा संदेश है कि आप भारत के अनमोल रत्न हैं। अपनी भारतीयता की रोशनी से भारत की महानता का मार्ग प्रशस्त करें।''
गौरतलब है कि गौतम अदाणी ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल के समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर अपने भाषण में उन्होंने 'सॉफ्ट पावर ऑफ सिनेमा' की अहमियत पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह देश की भावना और पहचान का प्रतीक भी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि भारत अपनी कहानी भारतीय नजरिए से दुनिया तक पहुंचाए। उनका मानना है कि यदि हम अपनी कहानी खुद नहीं बताएंगे, तो हमारी पहचान दूसरों के नजरिए से बनाई जाएगी।
गौतम अदाणी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आज की दुनिया में तकनीक की तेजी से बढ़ती भूमिका को समझना और उसे अपनाना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की चर्चा की और कहा, ''एआई से डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसे फिल्म निर्माण और कहानी कहने के नए तरीके के रूप में अपनाना चाहिए। एआई फिल्ममेकिंग का भविष्य है और यह तकनीक दुनिया भर में हमारी कहानियों को तेजी से और प्रभावशाली ढंग से पहुंचाने में मदद करेगी।''