क्या इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे पर खींचतान जारी है? कांग्रेस बोली-हम मजबूती से खड़े हैं

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क्या इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे पर खींचतान जारी है? कांग्रेस बोली-हम मजबूती से खड़े हैं

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, खासकर भाकपा (माले) की मांगों को लेकर। कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा कि महागठबंधन मजबूती से खड़ा है। क्या महागठबंधन का यह संघर्ष बिहार में राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करेगा?

Key Takeaways

  • महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
  • भाकपा (माले) की मांगें महत्वपूर्ण हैं।
  • कांग्रेस ने मजबूती से खड़े रहने का आश्वासन दिया है।
  • बिहार की राजनीति में टीमवर्क का महत्व बढ़ा है।
  • महागठबंधन की जीत के लिए एकजुटता आवश्यक है।

पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। वाम दलों, विशेषकर भाकपा (माले), की सीटों को लेकर सबसे अधिक विवाद उत्पन्न हो रहा है। हालांकि, कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा है कि हम मजबूती से खड़े हैं।

राजद के सूत्रों के अनुसार, वाम दलों को कुल 31 सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें भाकपा (माले) को 19, सीपीएम को 4 और सीपीआई को 8 सीटें ऑफर की गई हैं, लेकिन भाकपा (माले) 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी पुरानी मांग पर अब भी अड़ी हुई है।

सीटों को लेकर लगातार समन्वय समिति की बैठकें हो रही हैं, लेकिन अब तक सहमति नहीं बन पाई है। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन भाकपा (माले) को मनाने में कोई सफलता नहीं मिली है। इसी खींचतान के बीच सीपीएम ने भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे संकेत मिल रहा है कि सब कुछ पूरी तरह सहज नहीं है।

पटना में बातचीत करते हुए भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बातचीत जारी है और हम चाहते हैं कि हम ज्यादा जिलों और ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ें।

उन्होंने कहा, "इंडिया ब्लॉक को खड़ा करने में भाकपा (माले) की अहम भूमिका रही है। हम चाहते हैं कि इंडिया ब्लॉक को बहुमत मिले और उस बहुमत में माले को भी उचित हिस्सेदारी मिले।"

दीपांकर ने आगे कहा कि पिछले चुनावों में माले का स्ट्राइक रेट अच्छा रहा था, लेकिन इस बार सिर्फ स्ट्राइक रेट नहीं, बल्कि टीमवर्क भी महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने चुनाव को क्रिकेट से जोड़ते हुए कहा, "यह चुनाव टी-20 मैच नहीं है, यह टेस्ट मैच है। हर सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। चाहे वह शाहाबाद हो या कोई और इलाका, हर जगह टीमवर्क दिखाना होगा।"

सीटों को लेकर चल रही खींचतान पर कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ इंडिया गठबंधन की सीटों की बात न करें, बल्कि एनडीए की भी हालत पर नजर डालें।

उन्होंने कहा, "हमारा असली मुद्दा है बिहार को 20 साल की बदहाली से कैसे निकाला जाए। मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये अहम नहीं है। सबसे जरूरी है महागठबंधन की जीत।"

मनोज कुमार ने भरोसा दिलाया कि इंडिया ब्लॉक में कोई खींचतान नहीं है। उन्होंने कहा, "सीईसी की बैठक में कुछ सीटों पर उम्मीदवार तय हो चुके हैं और बाकी पर भी जल्द फैसला हो जाएगा। हम मजबूती से खड़े हैं। इस बार बिहार की जनता बदलाव के लिए वोट करने जा रही है।"

Point of View

तो इससे चुनावी समीकरण में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस समय महागठबंधन का एकजुट रहना आवश्यक है ताकि वे एनडीए के खिलाफ मजबूत स्थिति बना सकें।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

भाकपा (माले) की सीटों पर विवाद क्यों है?
भाकपा (माले) 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि महागठबंधन ने उन्हें 19 सीटें ऑफर की हैं।
कांग्रेस सांसद मनोज कुमार का क्या कहना है?
उन्होंने कहा है कि महागठबंधन मजबूती से खड़ा है और असली मुद्दा बिहार की बदहाली से निकलना है।
महागठबंधन में क्या संभावित बदलाव हो सकते हैं?
यदि वाम दलों की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो इससे चुनावी समीकरण में बदलाव आ सकता है।