क्या गायत्री प्रजापति पर जेल में हुआ हमला चिंताजनक है?

सारांश
Key Takeaways
- गायत्री प्रजापति पर जेल में हमला हुआ है।
- सपा ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की है।
- उत्तर प्रदेश में सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है।
- सरकार को जनता की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- राजनीतिक विवाद भी इस घटना का हिस्सा हो सकता है।
लखनऊ, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर जेल में हुए हमले को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि गायत्री की जान को खतरा है और उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए।
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जेल में पूर्व मंत्री पर हमला होना चिंताजनक बात है। गायत्री प्रजापति के परिवार का आरोप है कि उनकी जान को खतरा है, इसलिए उन्हें उचित सुरक्षा मिलनी चाहिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सरकार से यही मांग की है। हम सबको उनकी सुरक्षा की चिंता है और इस हमले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी जगह सुरक्षित नहीं है। जेल में लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं और लोग न तो बाहर सुरक्षित हैं और न ही जेल में सुरक्षित हैं।"
बिहार एसआईआर की अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर फखरुल हसन चांद ने कहा, "विपक्ष इस सूची का गहन विश्लेषण कर रहा है। 'इंडिया गठबंधन' इस बात को लेकर सजग है कि भाजपा ने चुनाव आयोग के जरिए कई स्थानों पर चुनावी लाभ हासिल करने की कोशिश की है। साथ ही, कुछ जगहों पर मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास भी किया गया है। सूची का पूर्ण अध्ययन करने के बाद ही उचित प्रतिक्रिया दी जाएगी।"
सपा नेता ने एशिया कप ट्रॉफी विवाद को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी कभी भी इस मैच के पक्ष में नहीं थी। पहलगाम आतंकी हमले में जिन परिवारों ने अपनों को खोया था, वह भी नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान के साथ मैच खेला जाए। इसके बावजूद मैच खेला गया और भारतीय टीम ने जीत हासिल की।"
लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सपा नेता ने कहा, "समाजवादी पार्टी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करती है, लेकिन मैं इतना ही कहूंगा कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने देश और देश की सेना के लिए काम किया, उन्हें जिस तरह से जेल में डाला गया और उन पर रासुका लगाई गई है, इससे हमारी पार्टी पूरी तरह से सहमत नहीं है। सरकार को लेह के लोगों की बात को सुनना चाहिए।"