क्या गीता पासी को मोहनिया से प्रत्याशी बनाए जाने पर जन सुराज ने आभार व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- गीता पासी का जन सुराज पार्टी में शामिल होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन है।
- मोहनिया विधानसभा में भाजपा को झटका लगा है।
- गीता पासी ने क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
मोहनिया, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने लगे हैं। इसी संदर्भ में जन सुराज ने मोहनिया (अनुसूचित) सीट से गीता पासी को टिकट प्रदान किया है, जिसके लिए उन्होंने पार्टी का आभार व्यक्त किया।
भाजपा को मोहनिया विधानसभा सीट पर एक बड़ा झटका लगा है। गीता पासी, जो कि जिले की पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं, ने भाजपा से टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ दी और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को जॉइन किया। जन सुराज ने उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित मोहनिया विधानसभा सीट से अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया है। गीता शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
जन सुराज के प्रतीक पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए गीता पासी का मोहनिया में ढोल-नगाड़े और गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उन्हें माल्यार्पण कर सम्मानित किया। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गीता भावुक हो गईं और रोने लगीं।
उन्होंने कहा, "मोहनिया विधानसभा की जनता लंबे समय से मेरी उम्मीदवारी की मांग कर रही थी। मैंने 2023 में भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया था, मुझे टिकट देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हुआ। अब जन सुराज ने मुझे यह अवसर दिया है, इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करती हूँ।"
उन्होंने यह भी कहा कि वे क्षेत्र के पिछड़े वर्गों, विशेषकर दलित समुदाय की आवाज बनेंगी और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी।
गौरतलब है कि भाजपा ने हाल ही में अपनी तीसरी उम्मीदवार सूची जारी की, जिसमें मोहनिया से संगीता कुमारी को टिकट दिया गया। इससे गीता पासी नाराज हो गईं। संगीता कुमारी ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया था, लेकिन बाद में भाजपा में लौट आईं।