क्या जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं दीं?

सारांश
Key Takeaways
- जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं दीं।
- दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई गई।
- भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
- यूक्रेन संकट के समाधान में सहयोग बढ़ाने का वादा किया गया।
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बधाई देते हुए दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा भी व्यक्त की।
मेलोनी ने पीएम मोदी के साथ ली सेल्फी साझा करते हुए लिखा, "पीएम नरेंद्र मोदी (टैग किया) को 75वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी शक्ति, उनका दृढ़ संकल्प और लाखों लोगों का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता प्रेरणा का स्रोत है। मित्रता और सम्मान के साथ, मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करती हूं और यह कि वे सदा ऊर्जावान रहें ताकि वे भारत को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जा सकें और हम दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत कर सकें।"
इतालवी पीएम मेलोनी ने अपनी एक्स पोस्ट में दोनों देशों के संबंधों को पुख्ता करने की बात कही है। हाल ही में, व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने को लेकर भी बात हुई थी। दोनों नेताओं ने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और यूक्रेन संकट के शीघ्र समाधान में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई थी। पीएम मोदी ने भारत-ईयू व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने और आईएमईईसी पहल के जरिये संपर्क बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की थी।
बातचीत के बाद पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा, "प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करने की अपनी साझा इच्छा व्यक्त की।"
उन्होंने कहा, "भारत-ईयू के बीच आपसी हितों पर आधारित व्यापार समझौते का समर्थन करने और आईएमईसी पहल के माध्यम से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में इटली के सक्रिय सहयोग के लिए पीएम मेलोनी का धन्यवाद।"
भारत और यूरोपीय संघ ने लगभग आठ वर्षों के अंतराल के बाद जून 2022 में वार्ता फिर से शुरू की, जबकि आईएमईईसी पहल को 2023 में दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अंतिम रूप दिया गया।