क्या गाजियाबाद में टीलामोड़ पर पुलिस ने लाखों के पटाखे जब्त किए?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन आवश्यक है।
- गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी मात्रा में अवैध पटाखे जब्त किए हैं।
- पर्यावरण सुरक्षा और जन सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है।
- अवैध पटाखों की बिक्री करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- पुलिस ने भविष्य में सतत अभियान चलाने का आश्वासन दिया है।
गाजियाबाद, ६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए, गाजियाबाद पुलिस ने अवैध पटाखों की बिक्री पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें टीलामोड़ थाना क्षेत्र से लाखों रुपये मूल्य के पटाखे जब्त किए गए हैं। यह कार्यवाही एसीपी शालीमार गार्डन अतुल कुमार के नेतृत्व में की गई।
जानकारी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि इस क्षेत्र के कुछ व्यापारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित पटाखों की अवैध बिक्री कर रहे हैं। सूचना मिलते ही, एसीपी अतुल कुमार के निर्देश पर एक पुलिस टीम गठित की गई और जावली इलाके में छापेमारी की गई।
छापेमारी के दौरान, पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध पटाखे बरामद किए, जिनकी बाजार कीमत लाखों रुपये के आसपास है। मौके से कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लेकर विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में एसीपी अतुल कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश के पालन में, पुलिस लगातार अभियान चला रही है।
उन्होंने आगे कहा कि टीलामोड़ थाना क्षेत्र के जावली इलाके में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में अवैध पटाखे जब्त किए गए हैं। इनकी कीमत भी लाखों में है। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है। पर्यावरण संरक्षण और जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
पुलिस ने कहा है कि दीपावली और अन्य त्योहारों के संदर्भ में अवैध पटाखों की बिक्री करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो सके।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने २६ सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के अपने आदेश को प्रभावी ढंग से लागू न करने पर नाराजगी व्यक्त की थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने के लिए एक ठोस नीति विकसित की जाए।