क्या गाजियाबाद में रक्षाबंधन पर ट्रैफिक पुलिस ने अनोखा तोहफा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को हेलमेट वितरित करना सुरक्षा का प्रतीक है।
- ट्रैफिक पुलिस का यह कदम जागरूकता बढ़ाता है।
- सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।
- रक्षाबंधन का पर्व एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया।
- स्थानीय समुदाय का समर्थन महत्वपूर्ण है।
गाजियाबाद, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के निकट स्थित गाजियाबाद में रक्षाबंधन का पर्व एक विशेष तरीके से मनाया गया। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने महिलाओं को उनकी सुरक्षा से संबंधित उपहार प्रदान किया।
गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने रक्षाबंधन के अवसर पर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखा अभियान चलाया। पुलिस ने शहर के विभिन्न चौराहों पर महिलाओं के बीच हेलमेट वितरित किए।
इस अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिसकर्मी स्वयं महिलाओं के भाई बन गए। उन्होंने महिलाओं से राखी बंधवाई और उपहार के रूप में हेलमेट दिए। साथ ही, महिलाओं से यह वचन लिया गया कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनेंगी और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगी।
हेलमेट पाकर कई महिलाओं की आंखों में खुशी के आंसू थे। उनका कहना था कि रक्षाबंधन का यह उपहार अब तक का सबसे अनोखा और महत्वपूर्ण है।
एक महिला ने कहा, "भाई का असली वचन हमारी सुरक्षा करना है। आज पुलिस ने वही वचन निभाया है। इस बार भाई का वचन मिठाई या अन्य उपहार में नहीं, बल्कि हेलमेट के रूप में मिला, जो बहनों की सुरक्षा का सच्चा प्रतीक है।"
यह अभियान गाजियाबाद के प्रमुख स्थानों जैसे रिवर हाइट चौराहा, हापुड़ चुंगी, मोहननगर, पुराना बस अड्डा और लालकुआं पर आयोजित किया गया। इन स्थानों पर भारी भीड़ देखने को मिली। स्थानीय लोग भी इस पहल का हिस्सा बने।
ट्रैफिक एसपी सच्चिदानंद ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हेलमेट न केवल कानून का पालन करने का एक साधन है, बल्कि यह सड़क हादसों में सिर की चोट से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका भी है। अक्सर लोग नजदीकी सफर के लिए हेलमेट नहीं पहनते, लेकिन दुर्घटनाएं समय और दूरी नहीं देखतीं। सभी को यात्रा करते समय हेलमेट का उपयोग करना चाहिए।