क्या ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू 2029 तक 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ेगा?

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क्या ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू 2029 तक 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ेगा?

सारांश

ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू के 2029 तक 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। क्या यह सच होगा? जानें इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू 2029 तक 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान।
  • भारत का यूपीआई हर महीने 19 बिलियन ट्रांजैक्शन कर रहा है।
  • एजेन्टिक एआई और डिजिटल करेंसी में परिवर्तन की संभावना।
  • फिनटेक कंपनियों ने 135 बिलियन डॉलर से अधिक फंडिंग जुटाई है।
  • रियल-टाइम एटूए पेमेंट में 40 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद।

नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू के 2029 तक 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रियल-टाइम अकाउंट-टू-अकाउंट (एटूए) पेमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और भारत का यूपीआई अब हर महीने 19 बिलियन से अधिक ट्रांजैक्शन कर रहा है।

हालांकि, अगले पांच वर्षों में सालाना वृद्धि दर घटकर 4 प्रतिशत रह सकती है, लेकिन इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव होने वाला है क्योंकि एजेन्टिक एआई, डिजिटल करेंसी और फिनटेक बिजनेस मॉडल विस्तार की अगली लहर को आकार दे रहे हैं।

बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर विवेक मांधता ने कहा, "पेमेंट अब केवल पैसे के लेन-देन तक सीमित नहीं है; यह व्यापार और वित्तीय स्वायत्तता के ढांचे को आकार देने के बारे में है। रियल-टाइम एटूए, डिजिटल करेंसी और एजेन्टिक एआई से तय होगा कि ट्रिलियन डॉलर देश के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रवाहित होंगे। जो लोग निर्णायक कदम उठाएंगे, वे इंडस्ट्री के अगले अध्याय की दिशा तय करेंगे।"

बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर पार्टनर तथा फर्म के पेमेंट और फिनटेक सेगमेंट के ग्लोबल हेड इंद्रप्रीत बत्रा ने कहा, "यह इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। पारंपरिक वृद्धि कारक अब उतने प्रभावी नहीं रह गए हैं, लेकिन एजेन्टिक सिस्टम, प्रोग्रामेबल मनी और फिनटेक इनोवेशन जैसे नए कारक तेजी से उभर रहे हैं। जो प्लेयर्स इन बदलावों के साथ तालमेल बिठा पाएंगे, वे अगले दशक में आगे रहेंगे।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से सालाना 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद रेवेन्यू वृद्धि दर घटकर सालाना 4 प्रतिशत रह सकती है।

ट्रांजैक्शन-बेस्ड रेवेन्यू मजबूत बने हुए हैं, जबकि डिपॉजिट मार्जिन में गिरावट आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेन्टिक एआई का ई-कॉमर्स खर्च पर 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का प्रभाव पड़ने की संभावना है।

स्टेबलकॉइन का वॉल्यूम 26 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, हालांकि रियल वर्ल्ड पेमेंट इसका केवल 1 प्रतिशत ही हैं। यह मार्केट अभी भी क्रिप्टो ट्रेडिंग को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित है।

इसके अलावा, पेमेंट फिनटेक ने 2024 में 176 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया और सालाना 23 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। पेमेंट पर ध्यान देने वाले फिनटेक कंपनियों ने पिछले 25 वर्षों में 135 बिलियन डॉलर से अधिक इक्विटी फंडिंग जुटाई है और अब वे कुल फिनटेक रेवेन्यू का 45 प्रतिशत हिस्सा हैं।

रियल-टाइम एटूए पेमेंट वॉल्यूम में 2024 में दुनिया भर में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

ये सिस्टम अब दुनिया भर में डिजिटल रिटेल पेमेंट का लगभग एक चौथाई हिस्सा हैं और भारत और ब्राजील जैसे चुनिंदा मार्केट में तो 50 प्रतिशत से भी अधिक ट्रांजैक्शन का हिस्सा हैं।

बीसीजी के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर मार्कस एम्पेंबर्गर ने कहा, "हम ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहां ग्रोथ और जटिलता एक साथ बढ़ेंगे।"

Point of View

यह रिपोर्ट भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव की ओर संकेत करती है। हमारी अर्थव्यवस्था के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा और इन परिवर्तनों के साथ तालमेल बैठाना होगा।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

ग्लोबल पेमेंट रेवेन्यू में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
रियल-टाइम एटूए पेमेंट्स, डिजिटल करेंसी और फिनटेक इनोवेशन इसका मुख्य कारण हैं।
भारत में यूपीआई का महत्व क्या है?
यूपीआई भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
क्या एआई का ई-कॉमर्स पर प्रभाव होगा?
हां, एजेन्टिक एआई का ई-कॉमर्स खर्च पर 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का प्रभाव पड़ने की संभावना है।
फिनटेक कंपनियों का विकास कैसे हो रहा है?
फिनटेक कंपनियों ने पिछले 25 वर्षों में 135 बिलियन डॉलर से अधिक इक्विटी फंडिंग जुटाई है।
रियल-टाइम एटूए पेमेंट्स का भविष्य क्या है?
रियल-टाइम एटूए पेमेंट्स वॉल्यूम में 2024 में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।