क्या एआई टूल रेटिना के जरिए दिल और किडनी की सेहत जानने में मदद करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- रेटिना की छवियों का विश्लेषण करके बीमारियों की पहचान।
- नॉन-इनवेसिव स्क्रीनिंग उपकरण का विकास।
- एक मल्टीमॉडल एआई मॉडल की तैयारी।
- स्वास्थ्य प्रणाली को रोकथाम पर केंद्रित करना।
- उपचार की लागत में कमी।
मेलबर्न, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण का निर्माण कर रहे हैं, जो रेटिना (आंख की झिल्ली) की छवियों का गहन विश्लेषण करके हृदय और गुर्दे से संबंधित क्रॉनिक बीमारियों का सटीक पता लगाने में सक्षम होगा।
इस परियोजना का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य एक 'फाउंडेशनल एआई मॉडल' विकसित करना है। यह मॉडल रेटिना की तस्वीरों के माध्यम से विभिन्न सिस्टमेटिक बीमारियों की पहचान करेगा, जो एकल अंग की बजाय पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, शोध दल उन्नत एआई तकनीक का उपयोग करके हजारों लोगों के स्वास्थ्य डेटा से संबंधित रेटिना छवियों का विश्लेषण करेगा। इसका लक्ष्य नॉन-इनवेसिव और अधिक सटीक स्क्रीनिंग उपकरण विकसित करना है, जिससे समय पर रोग की पहचान, उपचार और रोकथाम में सहायता मिल सके।
वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों में विकल्प सीमित हैं और उनकी कीमत भी अधिक है, जिससे उनका व्यापक उपयोग कठिन हो जाता है।
मोनाश यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर झोंगयुआन गे ने बताया कि यह प्रोजेक्ट कई वर्षों से एकत्रित गोपनीय डेटा पर आधारित है। यह एक मल्टीमॉडल एआई मॉडल तैयार करेगा, जो एक साथ कई बीमारियों की पहचान में सक्षम होगा।
ऑप्टेन हेल्थ के अध्यक्ष जैकरी टैन ने कहा कि रेटिनल इमेजिंग के माध्यम से बीमारियों की प्रारंभिक पहचान करना आसान होगा, जिससे हमारी स्वास्थ्य प्रणाली 'उपचार पर नहीं, बल्कि रोकथाम पर केंद्रित' हो सकेगी।