क्या ईडी ने पीएमएलए के तहत गोवा में 1,268 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?

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क्या ईडी ने पीएमएलए के तहत गोवा में 1,268 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने गोवा में मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 19 संपत्तियों को कुर्क किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 1,268 करोड़ रुपए है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और ईडी की कार्रवाई की गहराई।

Key Takeaways

  • ईडी ने 19 संपत्तियों को कुर्क किया है।
  • संपत्तियों की कुल कीमत 1,268 करोड़ रुपए है।
  • यह कार्रवाई पीएमएलए के तहत की गई है।
  • मुख्य आरोपी शिवशंकर मायेकर है।
  • जांच में जाली दस्तावेजों का उपयोग हुआ है।

पणजी, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी जोनल कार्यालय ने गोवा में एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का पर्दाफाश किया है। ईडी ने अपनी कार्रवाई में 5 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैली 19 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। ये संपत्तियां गोवा के प्रीमियम क्षेत्रों जैसे अंजुना, असगांव, और उकासिम में स्थित हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 1,268.63 करोड़ रुपए है।

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। ईडी के अनुसार, शिवशंकर मायेकर के नेतृत्व वाले एक समूह ने अवैध रूप से संपत्तियों को अर्जित किया, जिसमें विभिन्न प्रकार के जाली भूमि स्वामित्व दस्तावेजों का उपयोग किया गया।

इससे पहले, 9 और 10 सितंबर को की गई तलाशी के दौरान, एजेंसी ने 12.85 करोड़ रुपए के बैंक खाते और कीमती संपत्तियों को भी जब्त और फ्रीज किया था।

धन शोधन की जांच गोवा पुलिस द्वारा यशवंत सावंत और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से शुरू हुई है, जिसमें सर्वेक्षण संख्या 496/1-ए, अंजुना में भूमि के संबंध में समुदाय के साथ कथित धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने कहा कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके अपने नाम पर भूमि का फर्जी दाखिल-खारिज करवाया। इसके कुछ हिस्से को तीसरे पक्ष को बेचकर अपराध से धन अर्जित किया गया।

ईडी की जांच में मायेकर को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है और आरोप है कि उसने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर गोवा में कई भूमि अवैध रूप से खरीदीं। उसे 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

जांच में अंजुना और असगांव में अवैध भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चार और एफआईआर भी सामने आई हैं। कई और भूमि इसी तरह की धोखाधड़ी से खरीदे जाने का संदेह है।

इन संपत्तियों से संबंधित जानकारी पीएमएलए के अंतर-एजेंसी समन्वय तंत्र के तहत संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा की जा रही है।

जांच में मायेकर के नेतृत्व वाले समूह द्वारा अपनाई गई एक व्यवस्थित कार्यप्रणाली का खुलासा हुआ है, जिसमें असुरक्षित या कम मूल्यांकित भूमि के टुकड़ों की पहचान करना और जाली कागजात तैयार करके इन जमीनों को स्वयं से संबंधित लोगों के नाम पर परिवर्तित करके अपराध से अतिरिक्त आय अर्जित करना शामिल है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि अवैध धन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई से देश में वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कितनी संपत्तियों को कुर्क किया?
ईडी ने गोवा में 19 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
इन संपत्तियों की कुल कीमत क्या है?
इन संपत्तियों की कुल अनुमानित कीमत 1,268.63 करोड़ रुपए है।
यह कार्रवाई किस कानून के तहत की गई है?
यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
मुख्य आरोपी कौन है?
मुख्य आरोपी शिवशंकर मायेकर है, जिसे 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
जांच की शुरुआत कैसे हुई?
जांच गोवा पुलिस द्वारा यशवंत सावंत और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर से शुरू हुई।
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