क्या गोपाल मंडल बिना सीएम से मिले लौटेंगे? टिकट के लिए धरने पर बैठे जदयू विधायक

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल मंडल ने सीएम से मिलने का प्रयास किया।
- धरने का कारण टिकट की मांग है।
- राजनीतिक टिकटों को लेकर विधायकों में चिंता।
- जदयू में नए चेहरों को उतारने की योजना है।
- धरना राजनीतिक संघर्ष का प्रतीक है।
पटना, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक गोपाल मंडल मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार के आवास पहुंचे। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका, तो उन्होंने धरने पर बैठने का निर्णय लिया।
बिहार विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है और एनडीए में सीट बंटवारे का फार्मूला भी तैयार हो चुका है। लेकिन, मौजूदा विधायकों के मन में अपने टिकट कटने का भय बढ़ने लगा है।
गोपाल मंडल ने कहा कि वे सीएम नीतीश कुमार से मिलने और टिकट मांगने के लिए यहां आए थे। लेकिन, सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोकने के बाद उन्होंने धरना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि वे पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं और वर्षों से नीतीश कुमार उनके नेता रहे हैं, इसीलिए वे उनसे मिलने आए हैं। लेकिन, उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं सुबह 8:30 बजे से यहीं हूं। जब तक मुझे मुख्यमंत्री से मिलकर टिकट का आश्वासन नहीं मिल जाता, मैं यहाँ रहूँगा।" उन्होंने जदयू के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर उनके खिलाफ साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कुछ नेता मेरे टिकट को काटने की फिराक में हैं और मेरे विरोधी दूसरे उम्मीदवार के लिए पैरवी कर रहे हैं। मैंने हमेशा नीतीश कुमार को अपना नेता माना है और मुझे विश्वास है कि वे मेरे साथ न्याय करेंगे।
मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि वे यहाँ से नहीं उठेंगे, चाहे उन पर लाठी चार्ज ही क्यों न हो। विधानसभा चुनाव से पहले, जदयू और एनडीए बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बार कुछ सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को उतारा जाएगा।
हालांकि, मंडल ने यह नहीं बताया कि अगर उन्हें जदयू से टिकट नहीं मिलता है, तो उनका अगला कदम क्या होगा। क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर इंडिया ब्लॉक में शामिल होंगे।