क्या ग्रेटर नोएडा में किसानों की महापंचायत से आंदोलन की चेतावनी मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- किसानों की महापंचायत का आयोजन ग्रेटर नोएडा में हुआ।
- राकेश टिकैत ने किसानों की जायज मांगों को उठाया।
- 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की मांग की गई।
- सरकार से समाधान की अपील की गई।
- आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी गई।
ग्रेटर नोएडा, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर किसानों की एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों किसान एकत्रित हुए। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए।
किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि जब तक किसानों की जायज मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और आस-पास के क्षेत्रों में जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उन्हें 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा मिलना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह किसानों का अधिकार है और इसे किसी भी हालत में नकारा नहीं जा सकता। टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की जमीन तो ले लेते हैं, लेकिन मुआवजे के नाम पर उनके साथ अन्याय किया जाता है।
उन्होंने सर्किल रेट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्तमान सर्किल रेट बहुत कम है, जबकि जमीन की असली बाजार कीमत कहीं अधिक है। इसीलिए सर्किल रेट में तत्काल बढ़ोतरी की जानी चाहिए, ताकि किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिल सके।
महापंचायत में राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि वे किसानों की समस्याओं को लेकर संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेंगे। यदि बातचीत के बावजूद समाधान नहीं निकलता है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
उन्होंने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन किसानों ने एयरपोर्ट निर्माण के लिए अपनी जमीन दी है, उन्हें रोजगार में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
टिकैत ने मांग की कि एयरपोर्ट परियोजना में किसानों और उनके परिवारों को कम से कम 70 प्रतिशत रोजगार हिस्सेदारी दी जाए। अरावली हिल्स के मुद्दे पर बोलते हुए राकेश टिकैत ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अरावली हमारी प्राकृतिक धरोहर है और इसे किसी भी हाल में टूटने या नष्ट होने नहीं दिया जाएगा। यदि कोई अरावली को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो किसान उसका विरोध करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आवश्यकता पड़ने पर किसान प्रदर्शन करेंगे और मौके पर धरना भी देंगे।
महापंचायत के दौरान किसानों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया और सरकार से जल्द से जल्द मांगें पूरी करने की अपील की। कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, लेकिन किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।