क्या जीएसटी बचत उत्सव लखनऊ में जनता को राहत और स्वदेशी को बढ़ावा देगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी स्लैब में कमी से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
- स्वदेशी उत्पादों के खरीदने से आर्थिक वृद्धि होगी।
- यह सुधार मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा।
- आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य साकार होगा।
- उत्पादन और रोजगार में वृद्धि होगी।
लखनऊ, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा करते हुए जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो (5 और 18 प्रतिशत) करने का ऐलान किया है, जिसे 'जीएसटी बचत उत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर डॉ. श्याम सुंदर पाठक ने इन सुधारों की सराहना की।
डॉ. पाठक ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "नेक्स्ट-जेन जीएसटी रिफॉर्म से तीन महत्वपूर्ण लाभ मिलने वाले हैं, जिनमें संरचनात्मक सुधार, दर तर्कसंगतकरण और जीवन स्तर में सुधार शामिल हैं। स्लैब में कमी से मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, कर अनुपालन बढ़ेगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। ये सुधार निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम देंगे।"
उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, "जीएसटी स्लैब में कमी से रोजमर्रा की जरूरतों जैसे खाना, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट और बीमा जैसी वस्तुएं या तो कर-मुक्त हो गई हैं या 5 प्रतिशत के न्यूनतम स्लैब में आ गई हैं। पहले 12 प्रतिशत कर वाली वस्तुएं अब ज्यादातर 5 प्रतिशत में हैं। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि शुरुआती महीनों में जीएसटी कलेक्शन में कमी आ सकती है, लेकिन कोरोना काल के अनुभव से साबित हुआ कि भारत ने रिकॉर्ड कलेक्शन किया। इस बार भी 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत से उपभोक्ता अधिक खर्च करेंगे, मांग बढ़ेगी, और उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्योहारी सीजन में स्वदेशी सामान खरीदने की अपील की है, जिसे डॉ. पाठक ने समर्थन देते हुए कहा, "एमएसएमई और मध्यम वर्गीय व्यापारी इस सुधार से उत्साहित हैं, क्योंकि मध्यम वर्ग से जुड़े उत्पादों पर सबसे ज्यादा बचत होगी। स्वदेशी खरीदने से उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य साकार होगा।"
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से देश की जनता इस आह्वान को स्वीकार करेगी और अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पाद खरीदेगी।