क्या जीएसटी की दरें कम होने से फेस्टिव सीजन में डिमांड को मिलेगा बूस्ट?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में कमी से आम जनता को राहत मिलेगी।
- फेस्टिव सीजन में डिमांड बढ़ेगी।
- महंगाई में कमी आएगी।
- उद्योगों को समर्थन मिलेगा।
- हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी सीधे शून्य किया गया है।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कमी करके आम जनता को दिवाली से पहले एक बड़ा गिफ्ट दिया है। इससे एक ओर फेस्टिव सीजन में डिमांड को बढ़ावा मिलेगा और दूसरी ओर अमेरिकी टैरिफ के कारण हुए नुकसान को कम करने में सहायता मिलेगी। यह बात गुरुवार को अर्थशास्त्रियों द्वारा कही गई।
अर्थशास्त्री पंकज जायसवाल ने कहा, "यह सरकार का एक बंपर दिवाली गिफ्ट है। इससे महंगाई में कमी आएगी और घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। फेस्टिव सीजन पहले ही शुरू हो चुका है, और इससे पहले सरकार का यह निर्णय बहुत अच्छी खबर है।"
उन्होंने आगे कहा, "पिछले महीने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के चलते निर्यात में कमी का खतरा था, लेकिन सरकार का यह निर्णय इस प्रभाव को कम करेगा और आम जन के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा।"
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और सीए प्रवीण साहू ने कहा, "सरकार ने दो स्तरीय (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) जीएसटी लागू कर आम जनता को बड़ी राहत दी है। साथ ही, 80 प्रतिशत वस्तुओं को 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है। इससे आम जनता की खरीदने की शक्ति बढ़ेगी और उपभोग में सुधार होगा।"
एक अन्य अर्थशास्त्री राजीव साहू ने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। इससे आम जनता को तात्कालिक राहत मिलेगी, खपत में सुधार होगा, उद्योगों को समर्थन मिलेगा, और साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री और अर्थशास्त्री आदित्य मनिया जैन ने इस जीएसटी सुधार का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निवेशकों से लेकर व्यापारियों तक को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने दैनिक उपयोग की चीजों पर टैक्स को घटाया है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इससे टैरिफ से उत्पन्न चिंताओं को भी कम करने में मदद मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज बनी रहेगी।
एक अन्य अर्थशास्त्री अजय रोट्टी ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से सीधे शून्य करना एक अच्छी खबर है। इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी।
उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि इससे एमएसएमई को भी बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि दैनिक उपयोग की चीजों की लागत में कमी आएगी। इससे उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।