क्या अमरेली का ईश्वरिया गांव गुजरात का पहला गैस पाइपलाइन युक्त गांव बन गया?

सारांश
Key Takeaways
- ईश्वरिया गांव का पहला गैस पाइपलाइन युक्त गांव बनना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- गृहणियों को गैस सिलेंडर की चिंता से मुक्ति मिली है।
- गांव में 24 घंटे गैस की सप्लाई हो रही है।
- इस पहल ने आर्थिक लाभ भी प्रदान किया है।
- ईश्वरिया गांव ने ग्रामीण विकास का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।
अमरेली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के अमरेली जिले में आधुनिक युग में डिजिटल सुविधाओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को सरल बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। अमरेली तालुका का ईश्वरिया गांव इस दिशा में एक अद्वितीय उदाहरण बन गया है।
यह गुजरात का पहला गांव है, जहां हर घर में रसोई गैस पाइपलाइन कनेक्शन उपलब्ध किया गया है। अब यहां की गृहणियों को गैस सिलेंडर की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
ईश्वरिया गांव पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान राजकोट सांसद परसोत्तम रूपाला का गृहग्राम है। इस गांव ने रसोई गैस की समस्या का स्थायी समाधान निकाल लिया है। पहले गृहणियों को गैस सिलेंडर रिफिल करने के लिए गांव से 8 किलोमीटर दूर अमरेली शहर जाना पड़ता था। खाना बनाते समय गैस खत्म होने पर उन्हें भारी परेशानी होती थी। लेकिन, अब गांव के हर घर में गैस पाइपलाइन का कनेक्शन होने के कारण गैस की आपूर्ति 24 घंटे निर्बाध रूप से हो रही है।
गांव की निवासी शिल्पाबेन वामजा ने बताया, “पहले गैस खत्म होने पर हमें गांव में या शहर में नए सिलेंडर की तलाश करनी पड़ती थी। अब पाइपलाइन गैस कनेक्शन के बाद यह समस्या समाप्त हो गई है। अब गैस खत्म होने का तनाव नहीं है और बिल भी पहले से कम आता है।”
ईश्वरिया गांव की जनसंख्या लगभग 2,000 है और यहां करीब 400 परिवार निवास करते हैं। गांव में सड़क, पेयजल और सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध थीं। लेकिन, गैस पाइपलाइन ने इसे और खास बना दिया है।
गांव के सरपंच ने कहा कि पाइपलाइन गैस सिलेंडर से सस्ती होने के कारण गृहणियों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। इस उपलब्धि का श्रेय परसोत्तम रूपाला को दिया जा रहा है, जिनके प्रयासों से यह संभव हुआ है।
यह गैस पाइपलाइन न केवल सुविधाजनक है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक बेहतर विकल्प है। महिलाओं का कहना है कि अब वे बिना किसी चिंता के अपने परिवार के लिए स्वादिष्ट भोजन बना सकती हैं।
ईश्वरिया गांव की यह पहल न केवल अमरेली जिले, बल्कि पूरे गुजरात के लिए एक प्रेरणा है। यह गांव ग्रामीण भारत में आधुनिक सुविधाओं का एक अद्वितीय उदाहरण बन गया है।