क्या मध्य प्रदेश सिरप कांड में गुजरात की दो फार्मा कंपनियां संदिग्ध हैं?

सारांश
Key Takeaways
- कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में बच्चों की मौत हुई है।
- गुजरात की दो फार्मा कंपनियां संदिग्ध पाई गई हैं।
- जांच अधिकारियों ने कफ सिरप के नमूनों की जांच की है।
- कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता का चिकित्सा उत्पाद जरूरी है।
नई दिल्ली, ७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में बच्चों की मृत्यु का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में अब गुजरात की दो फार्मा कंपनियां भी संदेह के घेरे में आई हैं। सुरेंद्रनगर की एक फार्मा कंपनी का सिरप इस मामले में उपयोग होने की जानकारी मिली है।
दिल्ली की जांच टीम ने इन कंपनियों के कफ सिरप की गहन जांच की है, जिनसे मध्य प्रदेश और गुजरात में बच्चों को यह कफ सिरप सप्लाई किया गया था।
गांधीनगर औषधि विभाग ने अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर की दो कंपनियों में सख्त जांच शुरू कर दी है। जांच में यह पता चला है कि सुरेंद्रनगर की एक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने कच्चा माल मध्य प्रदेश की एक कंपनी को दिया था। हालांकि, कंपनी के मालिक इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इंकार कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में इस कफ सिरप से कई बच्चों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अधिक पाई गई है। राज्य का खाद्य एवं औषधि आयुक्तालय अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाया है।
मध्य प्रदेश प्रशासन ने गुजरात सरकार को सूचित किया था कि कफ सिरप के १० नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। इनमें से दो नमूने अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर की कंपनियों के थे। केंद्रीय एजेंसी ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
देवांग शाह, एचआर मैनेजर (सुरेंद्रनगर की कंपनी) ने कहा, "हमारे यहां दिल्ली से जांच टीम आई थी। हम लोकल लेवल पर एनालिसिस कर रहे हैं और बाहरी रिपोर्ट के लिए भी भेजा गया है। रिपोर्ट २ से ८ दिन में आ सकती है। जो भी रिपोर्ट आएगी, हम प्रेस रिलीज जारी करेंगे। हमारी कंपनी पांच-छह प्रकार की दवाएं बनाती है, जिनमें कफ सिरप और एसिडिटी की दवाएं शामिल हैं।"
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कोल्ड कफ सिरप के कारण कई छोटे बच्चों की मृत्यु हुई है। गुजरात सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करके राज्य में स्थित दो फार्मा कंपनियों (सेव फार्मा और रेन्डेक्स) को सील कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।
गुजरात में बच्चों के लिए दवाएं बनाने वाली ६२४ कंपनियों की जांच के आदेश दिए गए हैं। सुरेंद्रनगर और अहमदाबाद की इन दो कंपनियों के प्रोडक्शन को अन्य मेडिकल स्टोर्स में सप्लाई नहीं करने के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं।