क्या गुजरात में नेशनल हाईवे पर गड्ढों की मरम्मत में तेजी आ रही है?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात में नेशनल हाईवे पर गड्ढों की स्थिति गंभीर है।
- सीएम के निर्देश पर मरम्मत कार्य तेज़ी से शुरू किया गया है।
- ठेकेदारों की लापरवाही से समस्या बढ़ी।
- निर्माण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- सड़क की स्थिति देश की छवि को प्रभावित करती है।
पाटन, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के पाटन जिले में स्थित भारतमाला योजना के अंतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे पर मानसून में हुई बारिश के कारण उत्पन्न गड्ढों के सुधार का कार्य अब तेज़ी से शुरू किया गया है। यह कदम सीएम के निर्देशों के पश्चात उठाया गया है।
राजस्थान के सांचोर से बनासकांठा होते हुए पाटन के सांतलपुर तक फैले इस नेशनल हाईवे पर गड्ढों की समस्या जनता के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई थी।
पाटन के कलेक्टर तुषार भट्ट ने जानकारी दी कि केंद्र और राज्य सरकार गड्ढों की मरम्मत के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। कुछ ठेकेदारों की लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, जिसे एनएचएआई की टीम सुधारने का प्रयास कर रही है। कार्य में गति लाने के लिए आवश्यक मशीनरी और मानव संसाधन को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी (दिल्ली) के सदस्य वेंकट रमन ने बताया कि 135 किलोमीटर लंबा सांचोर से सांतलपुर तक का यह सेक्शन चार प्रोजेक्ट में तैयार किया गया था, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया था। मानसून से पहले दरारों को भरने की आवश्यकता होती है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है।
उन्होंने कहा कि मानसून की शुरुआत से पहले ७ से १० पैच थे, जो अब बढ़कर २० से अधिक हो गए हैं। इनकी मरम्मत के लिए उचित मशीनरी की आवश्यकता है, और जैसे ही यह उपलब्ध होगी, कार्य में तेजी लाई जाएगी। मौसम साफ होने पर ही यह कार्य संभव हो पाएगा।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारतमाला जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की सड़कों की स्थिति देश के समग्र विकास और छवि को प्रभावित करती है। इसीलिए पाटन में चल रहा यह मरम्मत कार्य एक आवश्यक और प्रशंसनीय कदम है।