क्या गुजरात ई-न्याय प्रणाली में अग्रणी बन गया है? वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 53,000 से अधिक कैदियों की पेशी

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क्या गुजरात ई-न्याय प्रणाली में अग्रणी बन गया है? वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 53,000 से अधिक कैदियों की पेशी

सारांश

गुजरात ने न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करते हुए 53,000 से अधिक कैदियों की पेशी की है। इस प्रणाली ने पुलिस विभाग को संसाधनों की बचत करने में मदद की है और न्याय में तेजी लाई है। जानिए कैसे यह पहल न्याय व्यवस्था में सुधार ला रही है!

Key Takeaways

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है।
  • गुजरात ने ई-न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
  • यह प्रणाली पुलिस विभाग के संसाधनों की बचत करती है।
  • गुजरात उच्च न्यायालय ने वीसी सिस्टम स्थापित किए हैं।
  • कैदियों की पेशी में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।

अहमदाबाद, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के नेतृत्व में, गुजरात न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रभावी प्रयोग कर रहा है।

गुजरात पुलिस, जेल और न्यायपालिका के बीच समन्वय से, कैदियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करने में गुजरात ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य की जेलों से अधिकतम कैदियों की अदालतों में पेशी के लिए यह प्रणाली बेहद प्रभावी रही है, जिससे पुलिस विभाग के संसाधनों, समय और धन की भी बचत हुई है।

गुजरात उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में राज्य की अदालतों में कुल 1100 वीसी सिस्टम स्थापित किए, जिनमें से 23 सॉफ्टवेयर-आधारित वीसी सिस्टम राज्य की जेलों में आवंटित किए गए हैं। वर्तमान में, राज्य की जेलों में 83 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम कार्यरत हैं।

गुजरात कारागार विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस प्रणाली के उपयोग से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2024 (जनवरी से जून) के बीच, गुजरात की सभी जेलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 40,633 कैदियों की पेशी की, जो कि औसतन 29 प्रतिशत है। वर्ष 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 41 प्रतिशत हो गया, जिसमें कुल 53,672 कैदियों की पेशी की गई।

इस प्रणाली के सफल कार्यान्वयन से पुलिस विभाग में मानव संसाधनों, समय और धन की बचत हुई है। हिरासत में लगे कर्मियों को अन्य ड्यूटी पर लगाना भी संभव हो गया है, जिससे विभाग की कार्यकुशलता में वृद्धि हुई है। न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे पीड़ित को शीघ्र न्याय और अपराधी को त्वरित सजा मिली है।

गुजरात ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैदियों की पेशी के लिए एक नई दिशा दिखाई है, जो प्रौद्योगिकी के द्वारा न्याय व्यवस्था में सुधार के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय और पुलिस महानिदेशक (कारागार) के.एल.एन. राव के मार्गदर्शन में इस पहल को आगे बढ़ाया जा रहा है।

Point of View

जो न केवल न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाता है, बल्कि संसाधनों की बचत भी करता है। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण हो सकती है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली कब लागू हुई?
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली का उपयोग गुजरात में 2022 से किया जा रहा है।
इस प्रणाली के क्या लाभ हैं?
इस प्रणाली से समय, धन और मानव संसाधनों की बचत होती है, और न्याय प्रक्रिया में तेजी आती है।
गुजरात में कितने कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई?
गुजरात में 2025 के पहले छह महीनों में 53,672 कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।