क्या झारखंड के गुमला में 15 लाख का इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- मार्टिन केरकेट्टा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।
- यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता है।
- मुठभेड़ से कई हथियार बरामद हुए हैं।
- मार्टिन पिछले 20 वर्षों से नक्सली गतिविधियों में शामिल था।
- गुमला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष टीम का गठन किया।
गुमला/रांची, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सुप्रीमो और 15 लाख रुपये के इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा को पुलिस ने गुमला जिले में मंगलवार रात को हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया है।
मार्टिन पिछले 20 वर्षों से गुमला, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा और रांची जिलों में आतंक का पर्याय बना हुआ था। वह 70 से अधिक हिंसक और नक्सली वारदातों में वांटेड था। गुमला के एसपी हरिश बिन जमा को सूचना मिली थी कि मार्टिन के साथ नक्सलियों का एक हथियारबंद दस्ता कामडारा थाना क्षेत्र के चंगाबाड़ी ऊपरटोली में एक कारोबारी से लेवी (रंगदारी) वसूली के लिए पहुंचा है।
सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और एक विशेष टीम का गठन किया। पुलिस को अपनी ओर आता देख मार्टिन और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में मार्टिन मौके पर ही मारा गया। मुठभेड़ स्थल से कई हथियार भी बरामद किए गए हैं। इस ऑपरेशन में गुमला जिले की एंटी नक्सली क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) और दो थाना क्षेत्रों की पुलिस शामिल थी।
मार्टिन के मारे जाने के बाद इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है। मार्टिन केरकेट्टा मूल रूप से कामडारा के रेड़मा गांव का निवासी था। वह पीएलएफआई के पूर्व प्रमुख दिनेश गोप का बेहद करीबी था और शुरुआत से ही संगठन से जुड़ा रहा। दो वर्ष पहले दिनेश गोप की नेपाल से गिरफ्तारी के बाद मार्टिन को संगठन की कमान सौंपी गई थी।
मार्टिन पीएलएफआई की केंद्रीय समिति का सदस्य था और लेवी वसूली सहित कई उग्रवादी घटनाओं में संलिप्त था। इससे पहले भी वह पुलिस के साथ मुठभेड़ में बच निकलने में सफल रहा था। एसपी हरिश बिन जमा ने मीडिया से कहा, "गुमला पुलिस की कार्रवाई में 15 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा मारा गया है। यह नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता है।"