क्या आप जानते हैं गुप्त नवरात्रि का पर्व कब से शुरू हो रहा है?

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क्या आप जानते हैं गुप्त नवरात्रि का पर्व कब से शुरू हो रहा है?

सारांश

गुप्त नवरात्रि का पर्व 26 जून से शुरू हो रहा है। इस दौरान देवी की विशेष आराधना की जाएगी। खासकर दस महाविद्याओं की पूजा का महत्व है। जानिए इस पर्व का रहस्य और कैसे पाएं अपने मनचाहे वरदान।

Key Takeaways

  • गुप्त नवरात्रि का पर्व 26 जून से शुरू होता है।
  • इसमें दस महाविद्याओं की आराधना का विशेष महत्व है।
  • भक्त इस दौरान उपवास रखते हैं और पूजा करते हैं।
  • इस पर्व से मानसिक शांति और सकारात्मकता मिलती है।
  • गुप्त नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।

नई दिल्ली, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। भगवती की साधना के लिए समर्पित गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ आषाढ़ माह के 26 जून से हो रहा है। इसका समापन 4 जुलाई को होगा। इस पर्व में भगवती की पूजा और दस महाविद्याओं की आराधना का विशेष महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सूर्य देव मिथुन राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।

साल में दो बार गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है, जो माघ और आषाढ़ महीने में होती है। इस अवसर पर मुख्य रूप से तंत्र साधनाओं का महत्व होता है, जिन्हें गुप्त रूप से किया जाता है, इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है, जिनमें मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला शामिल हैं।

ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में इन देवियों की गुप्त पूजा करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गुप्त नवरात्रि में अघोरी और तांत्रिक गुप्त महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मनचाहा वरदान मिलने के साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।

गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्तों को शुभ फल मिलते हैं। पहले दिन मां काली, दूसरे दिन मां तारा, तीसरे दिन मां त्रिपुरा सुंदरी, चौथे दिन मां भुवनेश्वरी, पांचवे दिन मां छिन्नमस्ता, छठे दिन मां भैरवी, सातवें दिन मां धूमावती, आठवें दिन मां बगलामुखी, और नौवें दिन मां मातंगी और मां कमला की साधना करने का विधान है, जिससे माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

गुप्त नवरात्रि में शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा होती है। इस दौरान भक्त देवी का आशीर्वाद और आध्यात्मिक विकास पाने के लिए उपवास रखते हैं, मंत्र पढ़ते हैं और पूजा करते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान माता की आराधना करने से सिद्धि प्राप्त होती है। नवग्रहों की शांति के लिए भी गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है।

Point of View

जो हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी लोगों को जोड़ता है। इस दौरान देवी की आराधना से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और मानसिक शांति का संचार होता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

गुप्त नवरात्रि कब से शुरू हो रही है?
गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 26 जून से हो रहा है।
गुप्त नवरात्रि का महत्व क्या है?
इस पर्व का महत्व देवी की पूजा और दस महाविद्याओं की आराधना में है।
गुप्त नवरात्रि में कौन-कौन सी देवियों की पूजा की जाती है?
इस दौरान मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, और अन्य देवियों की पूजा की जाती है।
क्या गुप्त नवरात्रि में उपवास रखना आवश्यक है?
उपवास रखना अत्यधिक लाभकारी होता है, इससे आध्यात्मिक विकास होता है।
गुप्त नवरात्रि में कैसे पूजा करें?
इस दौरान मंत्र का जाप, पूजा और उपवास करना चाहिए।