क्या गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कोलंबिया की संसद में हिंसा मुक्त और शांतिपूर्ण विश्व का सपना देखने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- हिंसा मुक्त और शांतिपूर्ण विश्व की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- सपनों के माध्यम से बड़े बदलाव की संभावनाएँ।
- एकता और अपनापन की भावना को जागृत करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कोलंबिया की राजधानी बोगोटा स्थित राष्ट्रीय संसद को संबोधित करते हुए विश्वभर के नेताओं से हिंसा मुक्त, प्रेमपूर्ण और आनंदमय विश्व की कल्पना करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह विचार एक 'यूटोपिया' जैसा प्रतीत हो सकता है, लेकिन हर बड़ा परिवर्तन एक सपने से ही आरंभ होता है। यदि हम इस सपने को देखना शुरू करें, तो उसे साकार करने की क्षमता भी रख सकते हैं।
श्री श्री रविशंकर का यह दौरा उस शहर से संबंधित है, जहाँ उन्होंने 10 वर्ष पूर्व शांति की अपील की थी, जो बाद में एफएआरसी और तत्कालीन कोलंबियाई सरकार के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते का आधार बनी। यह समझौता पांच दशकों से चल रहे संघर्ष का अंत था, जिसमें लाखों जानें गई थीं।
अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने 'आत्मचिंतन, आध्यात्मिकता से लचीलापन विकसित करने, और सामाजिक विभाजनों से ऊपर उठकर समग्र विकास' की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक नेताओं से आग्रह किया कि यदि हम साल में केवल एक सप्ताह के लिए अपनी व्यक्तिगत, पेशेवर और राजनीतिक प्राथमिकताओं को एक तरफ रखकर देश के दीर्घकालिक हितों पर विचार करें, तो हम अपने मतभेदों में भी शक्ति देख सकते हैं और वास्तविक प्रगति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
गुरुदेव ने 'लीडरशिप फॉर द ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ द वर्ल्ड' नामक सम्मेलन में कहा कि आज मानवता पहले से कहीं अधिक अकेलापन महसूस कर रही है। यह इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं हमसे कुछ बड़ा चूक रहा है। हमें एकता और अपनापन की भावना को पुनः जागृत करना होगा, और यही 'आर्ट ऑफ लिविंग' का उद्देश्य है।
श्री श्री रविशंकर 18 से 23 जून तक कोलंबिया में तीन शहरों के दौरे 'कोलंबिया ब्रीद्स' पर हैं। इस दौरान 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वे बोगोटा के प्रसिद्ध प्लाजा कल्चरल ला सांतामारिया में योग प्रेमियों को संबोधित करेंगे। उनके साथ बोगोटा के मेयर कार्लोस फर्नांडो गैलन भी इस आयोजन में उपस्थित रहेंगे। इस समारोह को दुनिया भर के करोड़ों लोग ऑनलाइन माध्यम से देखेंगे।
भारत और 180 देशों में 'आर्ट ऑफ लिविंग' संस्था ने मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के साथ मिलकर योग दिवस को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियाँ की हैं। भारत में यह आयोजन जेलों से लेकर मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, मॉल्स और हिमालय की ऊँचाइयों तक आयोजित किया जाएगा।
भारत में योग के उत्सव के कई प्रमुख आकर्षण देखने को मिलेंगे। इसमें, पुणे में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रयास होगा, जहाँ हजारों लोग एक साथ एक मिनट तक भुजंगासन (कोबरा पोज) करेंगे, जिसका उद्देश्य इस प्रकार की सबसे बड़ी सामूहिक भागीदारी का रिकॉर्ड बनाना है। उदयपुर के केंद्रीय जेल में कैदी योग के माध्यम से तरोताजा करने वाली शांति और स्पष्टता का अनुभव करेंगे, जिसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान का समावेश होगा। कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर, भारतीय संग्रहालय और बेंगलुरु के टीपू पैलेस में भी उत्साहपूर्ण उत्सव आयोजित होंगे।
इसके अतिरिक्त, जोधपुर डिवीजन के रेलवे स्टेशनों और त्रिवेंद्रम के लुलु मॉल में योग उत्साही लोगों की भीड़ के साथ चहल-पहल रहेगी। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में ऊँचाइयों पर एक मनमोहक योग सत्र आयोजित होगा। ओडिशा के संबलपुर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भागीदारी के साथ योग को देश के शिक्षा तंत्र में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम देखा जाएगा।